29
Jul
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य इस जांच आयोग के सदस्य हैं और उन्हें अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है. पश्चिम बंगाल सरकार के अनुसार राज्य में रहने वाले व्यक्तियों के मोबाइल फ़ोन की कथित अवैध हैकिंग, निगरानी, ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग से संबंधित मामले को लेकर जाँच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3 के तहत यह फ़ैसला किया है. ममता का मोदी सरकार पर निशाना पेगासस स्पाईवेयर विवाद में ये कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए…