जीका वायरस के खतरे को देख अलर्ट हुई केंद्र सरकार, केरल भेजी विशेषज्ञों की टीम, जानें मौजूदा हालात

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केरल में शुक्रवार को जीका वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 14 हो गए हैं, जिनमें 13 स्वास्थ्यकर्मी हैं. राष्ट्रीय विषाणु संस्थान की तरफ से 13 और मामलों की पुष्टि होने के बाद प्रदेश को अलर्ट कर दिया गया है. सभी 14 मामले तिरुवनंतपुरम से सामने आए हैं. राज्य में गुरुवार को 24 साल की गर्भवती महिला में मच्छर जनित इस बीमारी की पुष्टि हुई थी. ये प्रदेश में जीका वायरस का पहला मामला था. महिला ने 7 जुलाई को एक बच्चे को जन्म दिया था और अब दोनों की हालत स्थिर है.

राज्य सरकार के अनुसार संस्थान में जांच के लिए 19 सैंपल्स भेजे गए थे, जिनमें से 13 में इसकी पुष्टि हुई है, इसके लक्षण डेंगू की तरह है, जिसमें बुखार, चकत्ते के अलावा जोड़ों में दर्द होता है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि जीका संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्रवाई योजना तैयार की गई है. राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को टेस्ट सुविधाओं से लैस करने का भी निर्णय लिया गया है. राज्य के सभी निजी अस्पतालों को भी जीका वायरस के किसी भी मामले का पता चलने पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

केरल में जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखने और मामलों के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल दक्षिणी राज्य के लिए रवाना हुआ. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार यह जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘‘केरल से जीका के कुछ मामले आये हैं. हालात पर नजर रखने और राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए छह सदस्यीय दल को वहां पहुंचने के और जीका के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए निर्देश दिये गये हैं. इनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मच्छर जनित रोगों के विशेषज्ञ और एम्स के विशेषज्ञ आदि शामिल हैं.”