नामांकन पत्र जमा देने से रोकने व् चुनाव में भाग लेने से रोकने का मालदा मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स पर लगा आरोप

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मालदा जिले के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन मालदा मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स पर नामांकन पत्र जमा नहीं करने के लिए रास्ते में एक व्यापारी को उठाकर उसे पीटने का आरोप लगाया गया हैं| मालदा के अतुल चंद्र मार्केट के एक व्यापारी मजीदुर सरकार ने कहा कि “उसे मालदा मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा चुनाव में भाग लेने से रोका जा रहा है। नामांकन फॉर्म लेने के बाद से उसपर दबाव बनाया गया कि वह उसे जमा न दे| मालदा मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा चुनाव में न खड़े होने की लगातार धमकी दी जा रही थी।”

उसने आरोप लगाया कि रथबाड़ी इलाके में मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स कार्यालय के सामने जयंत कुंडू और उत्तम बसाक की मौजूदगी में उनकी पार्टी के सदस्यों ने उसका नामांकन पत्र फाड़ दिया और बाइक से ओल्ड मालदा के सुनसान इलाके में उसे बुधवार की रात को ले गए| वहां उसे जान से मारने की धमकी मिली। लेकिन जब उसने उन्हें बताया कि नामांकन पत्र जमा करने से पहले वह प्रेस वार्ता करने वाला हैं तब उसे रिहा कर दिया गया और बुधवार रात को मालदा मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स ले जाया गया, वहाँ उसे एक और नामांकन पत्र फिर से जमा करने के लिए मजबूर किया गया। नामांकन पत्र जमा करने के बाद, मालदा मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स के जयंत कुंडू और उत्तम बसाक सहित पदाधिकारियों ने उसे चुनाव से हटने के लिए मजबूर किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उसे संगठन में अच्छा स्थान दिया जाएगा। लेकिन उनकी बात नहीं मानने पर व्यवसायी को दुकान बंद करने और जान से मारने की धमकी दी गयी। व्यवसायी ने आगे शिकायत की कि “उसे और उसकी पत्नी को गुरुवार सुबह से विभिन्न फोन के माध्यम से धमकियां मिल रही हैं।

कारोबार ठप हो जाएगा और चुनाव से नाम वापस लेने की धमकी दी जा रही है।” उसने कहा कि वह इस संबंध में प्रशासन से संपर्क करेगा। दूसरी ओर, प्रत्यक्षदर्शी पद रॉय ने कहा कि “जब व्यवसायी नामांकन पत्र जमा करने गया तो वह वही मौजूद थे। उनकी आंखों के सामने कई लोग आए और मजीदुर सरकार के नामांकन पत्र फाड़कर उन्हें ले गए।” मालदा मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स के वर्तमान अध्यक्ष देवव्रत बसु को बुलाया गया और पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि  ” मैं बाहर था, मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं हैं| मैं इस मामले को देखूंगा|” जयंत कुंडू और उत्तम बसाक ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। इस बीच इस घटना के बाद से जिला कारोबारी समुदाय में आक्रोश और भी बढ़ गया हैं|