हाथरस केस में यूपी पुलिस का दावा, पीड़िता से रेप नहीं हुआ

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 20 साल की युवती के साथ हुई दरिंदगी के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. पहले ही देरी से मामला दर्ज करने और बार बार अपने बयान बदलने के चलते यूपी पुलिस सवालों के घेरे में थी, लेकिन अब परिवार के साथ जो व्यवहार हुआ, उससे मामला और ज्यादा बिगड़ गया है. तमाम विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है. वहीं पुलिस अब खुद पर लगे आरोपों को लेकर लगातार खंडन और सफाई देने में जुटी है.

हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगरेप नहीं होने का दावा किया है. एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि एफएसएल की रिपोर्ट में पीड़िता से रेप होने की बात सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट सामने आने के बाद साबित होता है कि कैसे गलत जानकारी पर जातिगत तनाव पैदा करने की साजिश रची गई.

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि उन लोगों पर कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने जातिगत तनाव पैदा करने के लिए गलत सूचना फैलाने की कोशिश की. पीड़िता के भाई ने खुद 14 सितंबर को घटना की सूचना दी. ताजा वीडियो आज सामने आया है, जो स्पष्ट रूप से बताता है कि जीभ नहीं काटी गई थी.

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए भेजा गया है. 22 सितंबर के बयान के बाद तीन और आरोपी गिरफ्तार किए गए थे. बाद में पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था. इस मामले की तफ्तीश की जा रही है.

इससे पहले इंडिया टुडे से बात करते हुए बगहला सरकारी अस्पताल के सीएमसी डॉ. सिंह ने कहा कि घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता को यही लाया गया था. उसकी हालत काफी खराब थी, इस वजह से हम उसका एमएलसी नहीं कर पाए थे. घटना के बाद पीड़िता को सबसे पहले बगहला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

सीएमसी डॉ. सिंह ने कहा कि हमने पुलिस को बता दिया था कि हमारे पास लड़की का इलाज करने का पर्याप्त संसाधन नहीं है. हमने उसका प्राथमिक उपचार किया और फिर उसे एएमयू के जेएन मेडिकल हॉस्पिटल में रेफर कर दिया. लड़की के मुंह से खून निकल रहा था. वह बोल भी नहीं पा रही थी. वह बेहोश थी.