भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन Covaxin की चर्चा अचानक तेज हो गई है। वजह है ट्रायल में शामिल हरियाणा के एक मंत्री अनिल विज का कोविड पॉजिटिव मिलना। सोशल मीडिया पर एक धड़ा विज के कोविड पॉजिटिव होने को वैक्सीन की सफलता/असफलता से जोड़कर देख रहा है। ऐसी अटकलों और कयासों को बढ़ावा मिल रहा है जिनमें वैक्सीन के असर और सेफ्टी को लेकर संदेह जताया गया है। हालांकि वैक्सीन निर्माता कंपनी ने साफ किया है कि Covaxin कितनी असरदार है, इसका पता ट्रायल खत्म होने पर ही लगेगा। भारत बायोटेक ने कहा है कि ये ट्रायल रैंडम और डबल-ब्लाइंड हैं, ऐसे में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि विज को वैक्सीन की पहली डोज मिली भी थी या प्लेसीबो मिला था।
कंपनी ने आगे कहा कि कोवैक्सीन को फेज 3 में 26,000 लोगों पर परीक्षण करने के साथ ये एक पूरी तरह से विकसित COVID-19 वैक्सीन है. इसका लक्ष्य है कि पूरे भारत में ये असरदार रहे. भारत बायोटेक एक वैक्सीन डेवलपर और निर्माता है. कंपनी ने कहा कि टीकों की सुरक्षा और इसका प्रभावकारी होना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है. भारत बायोटेक ने अपने 20 साल के इतिहास में 18 देशों में 80 से अधिक क्लिनिकल ट्रायल किए हैं.
सभी क्लिनिकल ट्रायल के लिए एक ही रिपोर्टिंग प्रक्रिया का पालन किया जाता है. भारत बायोटेक ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम में मानव चुनौती अध्ययन करने वाली कुछ कंपनियों में से एक है.
बता दें कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री अनिल विज आज कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि जो लोग भी उनके संपर्क में आए हैं, वह अपना कोरोना टेस्ट करवा लें. नवंबर के आखिरी पड़ाव में ही उन्होंने बतौर वॉलेंटियर कोवैक्सीन का टीका लगवाया था.