भारत के प्राकृतिक आवासों और उनकी स्वदेशी प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में काम करने वाला एक गैर-लाभकारी संगठन हैबिटैट्स ट्रस्ट, भारत के खतरे वाले वन्यजीवों और प्राकृतिक आवासों की रक्षा और संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण काम करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए आवेदन आमंत्रित कर रहा है।
हैबिटैट्स ट्रस्ट ग्रांट, कुल ३.२० करोड़ रुपये के साथ, तीन श्रेणियों में दिया जाएगा।
रिवाइज्ड ग्रांट केटेगरी में (१) १ करोड़ वाला टीएचटी कंसर्वेशन ग्रांट शामिल हैं – द हैबिटैट्स ट्रस्ट ग्रांट कम ज्ञात प्रजातियों और महत्वपूर्ण आवासों के संरक्षण की दिशा में काम करने वाले संगठनों का समर्थन करेगा। यह ग्रांट केवल उन संगठनों के लिए खुला है जिनके पास कम से कम पांच वर्षों के लिए वन्यजीव संरक्षण में काम करने का एक सिद्ध रिकॉर्ड है। चयनित परियोजनाओं को तीन साल की अवधि में निष्पादित करना होगा। (२) २५ लाख रुपये का टीएचटी एक्शन ग्रांट, प्रत्येक तीन संगठनों / व्यक्तियों के लिए – हैबिटेट्स ट्रस्ट एक्शन ग्रांट तीन व्यक्तियों या संगठनों या दोनों का समर्थन करेगा, जो कम-ज्ञात प्रजातियों और / या आवासों पर काम कर रहे हैं जिन्हें तत्काल संरक्षण हस्तक्षेप की आवश्यकता है। उन्हें कम से कम दो साल से वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में कामका अनुभाव होना चाहिए।
चयनित परियोजना को दो साल की अवधि में निष्पादित करना होगा। अनुदान के लिए आवेदनों का मूल्यांकन वैज्ञानिकों और विषय-वस्तु विशेषज्ञों सहित संरक्षण के क्षेत्र के विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा बहु-स्तरीय स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। वे दो श्रेणियों में ३० आवेदकों की स्क्रीनिंग और शॉर्टलिस्ट करेंगे और फील्ड मूल्यांकन दौर के माध्यम से इन शॉर्टलिस्टेड परियोजनाओं का मूल्यांकन करेंगे। २० आवेदन फाइनल जूरी राउंड में चले जाएंगे।
पांच प्राप्तकर्ताओं की घोषणा इस साल के अंत में एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा की जाएगी। संगठन ने एक नई श्रेणी – टीएचटी सीड ग्रांट भी पेश की है जो ३ लाख रुपये के साथ १५ आवेदकों तक का समर्थन करेगी। नई पद्धतियों का परीक्षण करने वाले और/या तेजी से सर्वेक्षण करने वाले आवेदक इस अनुदान के लिए पात्र होंगे। अनुदान के लिए आवेदन पोर्टल २३ जून, २०२२ से ५ अगस्त, २०२२ तक खुला रहेगा और फॉर्म ऑनलाइन भरे जा सकते हैं।