आज पूरे देश के जलपाईगुड़ी जिले में भी मकर संक्रांति का पर्व हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। जलपाईगुड़ी के विभिन्न गांवों में सोमवार की सुबह से घर-घर में मकर संक्रांति पूजा शुरू हो गयी। इस विशेष दिन को पौष संक्रांति या पौष पर्व के नाम से जाना जाता है। ग्राम बंगाल के विभिन्न घरों में अल्पना अर्पित की जाती है और विशेष पूजा की जाती है। साथ ही घर पर तरह-तरह के पीठा-पुली-पाईस बनाकर नए महीने का स्वागत किया जाता है। इस पौष संक्रांति में मुख्य रूप से चावल का आटा, आटा, नारियल, दूध, गुड़ से विभिन्न प्रकार के पीठे बनाए जाते हैं। पूरे जलपाईगुड़ी जिले में लोग सपरिवार स्नान कर सूर्य पूजा में लीन दिखे. हालांकि आज सुबह से सूरज के दर्शन नहीं हुए हैं, लेकिन पूरा जलपाईगुड़ी कोहरे की चादर में लिपटा हुआ है। ठंड के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कई कमी नहीं दिख रही है। आपको बता दें कि मकर संक्रांति के पर्व में सूर्य के उत्तरायण में आने का स्वागत किया जाता है। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं देवताओं का प्रभात काल माना गया है। इस दिन तिल का दान करने का विशेष महत्व बताया गया है।