कुछ दिन पहले डंपर के धक्के से एक हाथी शावक की मौत हो गई थी. इसके बाद पर्यावरण प्रेमी संगठनों के द्वारा डंपरों पर लगाम लगाने की मांग की गयी थी। एक बार फिर से 14 पर्यावरण प्रेमी संगठन एक साथ जिलाशासक को ज्ञापन दिया है उन्होंने बताया है कि जहां एक तरफ नदियों से बालू और पत्थर निकल निकालने के लिए डंपर चलाए जा रहे थे, दूसरी तरफ कुछ भू माफिया नदी के गाजलडोबा से लेकर तीस्ता के तटीय इलाकों को दखल कर उस पर खेती कर रहे हैं. उनके खेती करने के कारण जंगल से हाथी निकालकर वहां पर आ रहे हैं और शहरी इलाकों में भी घुस रहे हैं. नदी के किनारे खेती करने से हाथियों का आना लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पर्यावरण प्रेमी संगठनों ने जिलाशासक को ज्ञापन देते हुए मांग की है कि इस अवैध खेती को जल्द से जल्द बंद किया जाए और डंपरों पर लगाम लगाने के लिए जिलाप्रशासन द्वारा कदम उठाया जाए.