तीस्ता की तबाही से सेवक-रंगपो रेल परियोजना पर ग्रहण

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निर्माण का लक्ष्य एक साल और आगे बढ़ा

लागत में भी दस गुना से अधिक की वृद्धि

12 हजार 500 करोड़ रुपये हो गई है लागत

13 सौ 39 करोड़ रुपये पहले खर्च होना था

15 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण हो चुका है

सिलीगुड़ी : बार-बार तीस्ता नदी की तबाही से सेवक-रंगपो रेल परियोजना को ग्रहण लग रहा है। इस परियोजना के निर्माण के बाद सिक्किम देश के रेल मानचित्र से जुड़ जाएगा। लेकिन तीस्ता की तबाही के कारण इसमें देरी हो सकती है। क्योंकि बाढ़ और भू-स्खलन के कारण लगातार काम प्रभावित हो रहा है। गत वर्ष अक्टूबर महीने में विनाशकारी बाढ़ का दंश अभी खत्म ही नहीं हुआ था, इस महीने एक बार फिर से तीस्ता नदी ने तबाही मचाई। इसकी कीमत इस परियोजना को भी चुकानी पड़ रही है। वर्ष 2009 में 1339.48 करोड़ रुपये की इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2015 तक रखा गया था। ऐसा हुआ नहीं। पूरा होने की बात कौन करे, विभिन्न कारणों से उस वक्त काम भी शुरू नही हो सका था। बाद में काम शुरू हुआ और लगातार जारी है। हांलाकि इसमें तीस्ता की तबाही और भू-स्खलन से बाधा आ रही है। वहीं परियोजना की लागत भी लगभग 10 गुना बढ़ते हुए 12500 करोड़ रुपये हो गई है। इस महीने तीस्ता नदी में आई बाढ़ तथा भू-स्खलन की वजह से जिस तरह काम में रुकावट आ रही है, इससे काम पूरा करने को लेकर निर्माण एजेंसी की चिंता बढ़ गई हैं। इरकान के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि पूरे मानसून इस परियोजना के काम में रुकावट आ सकती है। बताया गया कि रिवर बेड उंचा हो गया है। नदी के पानी का स्तर रोड के बराबर आ रहा है। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। माना जा रहा है निर्माण का लक्ष्य एक साल और आगे बढ़ गया है।दिन में सड़क जाम और रात में काम पर रोक : इस बारे में इरकान (सेवक रंगपो रेल परियोजना) के मुख्य परियोजना प्रबंधक महेंद्र सिंह का कहना है कि तीस्ता नदी में बाढ़ तथा भू-स्खलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग को नुकसान हो रहा है।दिन में जाम लगने से कोई मूवमेंट नहीं हो पाता है। शाम आठ बजे से सुबह छह बजे तक कोई काम नहीं होता है। रोड बंद रहने से इस परियोजना के लिए सामग्री ले जाने में समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष अगस्त 2025 तक इस परियोजना को पूरा करने लक्ष्य रखा गया है। उस समय तक इसे पूरा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। मौसम साथ देगा तो निर्धारित लक्ष्य तक काम पूरा हो जाएगा ।मुख्य परियोजना प्रबंधक सिंह ने कहा कि इस परियोजना का 65 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। अब कुल 14 सुरंग बनाए जाने हैं। इसकी लंबाई 38 किलोमीटर होगी। इनमें लगभग 36 किलोमीटर का सुरंग बनकर तैयार हो गया है। 15 किलोमीटर रेल लाइन का भी निर्माण पूरा हो गया गया है। पांच ब्रिज भी तैयार कर लिए गए हैं। यार्ड का निर्माण कार्य चल रहा है। इरकान के अधिकारी ने बताया कि लगभग 44.98 किलोमीटर लंबी इस सेवक-रंगपो रेल परियोजना में 41.548 किलोमीटर बंगाल में तथा 3.432 किलोमीटर सिक्किम में पड़ेगा। इसमें 14 सुरंग तथा 22 छोटे- बड़े तथा महत्वपूर्ण ब्रिज बनाए जा रहे हैं।