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ट्विटर के उनके आधिकारिक अकाउंट में उनका परिचय कुछ इस तरह लिखा गया है - 'मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश); गोरक्षपीठाधीश्वर, श्री गोरक्षपीठ; सदस्य, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश; पूर्व सांसद (लोकसभा-लगातार 5 बार) गोरखपुर, उत्तर प्रदेश.' भारत के इतिहास में शायद ही कभी ऐसा हुआ हो जब एक जन-प्रतिनिधि संवैधानिक पद पर रहते हुए न सिर्फ़ अपनी धार्मिक गद्दी पर भी विराजमान हो, बल्कि राजकाज में भी उसकी गहरी छाया दिखती हो. महंत आदित्यनाथ योगी जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो धार्मिक के साथ-साथ राजनीतिक सत्ता भी उनके हाथ आई, इसी बात को हमेशा ज़ाहिर करने के लिए 'मुख्यमंत्री श्री योगी…