सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार को नोटिस भेजकर पूछा है कि आखिर कांवड़ यात्रा को क्यों इजाजत दी गयी। कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने मंगलवार को कोरोना की तीसरी लहर की बात की थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सावन के महीने में होने वाले कांवड़ यात्रा को अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के इस फैसले पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने गृह सचिव से इस खबर पर जवाब देने को कहा है। आदेश में कहा गया कि यूपी और उत्तराखंड के प्रमुख सचिव तथा केंद्र के गृह सचिव शुक्रवार सुबह एफिडेविट दाखिल करेंगे। कोर्ट ने कहा कि पीएम ने कहा था कि ‘हम जरा भी समझौता नहीं कर सकते। ‘
बुधवार को अखबारों में छपी एक खबर पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. खबर में बताया गया कि है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 जुलाई से 6 अगस्त तक कांवड़ यात्रा को इजाजत दे दी है। कोर्ट ने गृह सचिवों को जवाब के लिए दो दिनों का समय दिया है। सरकारों की ओर से शपथपत्र सौंपने के बाद कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा। बता दें कि प्रधानमंत्री ने कल की कहा था कि यह हमारे ऊपर है कि कोरोना की तीसरी लहर देश में कब आयेगी।
मोदी ने कहा कि देशवासियों से अपील है के वे कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। ऐसा नहीं करने पर कभी भी कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। सार्वजनिक जगहों पर जो भीड़ देखी जा रही है, वह चिंता का कारण है। केंद्र और आईसीएमआर ने भी कई बार चेतावनी जारी की है कि पर्यटन स्थलों पर जो भीड़ और कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है, इसका परिणाम भयंकर हो सकता है।