दो सालों तक भाजपा में रहने के बाद सब्यसाची ने की तृणमूल में वापसी

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विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई को लगातार झटके लग रहे हैं। पूर्व विधायक सब्यसाची दत्त ने भी तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली है। गुरुवार को विधानसभा में जाकर उन्होंने अनमोल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी के हाथों पार्टी की सदस्यता ली है। 2019 के दुर्गा पूजा के समय उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी। उस समय वह तृणमूल के विधायक थे। अब दो सालों तक तृणमूल में रहने के बाद गुरुवार को उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी में घर वापसी कर ली है। दोपहर के समय जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो अन्य नवनिर्वाचित विधायकों के साथ शपथ लेने के लिए विधानसभा गई थीं उसी समय सब्यसाची भी पहुंचे हुए थे। सूत्रों ने बताया है कि मुकुल राय उनको अपने साथ लेकर गए थे क्योंकि वह मुकुल के बेहद करीबी हमेशा से रहे हैं।

विधानसभा में सबसे पहले दत्त ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, उनका आशीर्वाद लिया। उसके बाद तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी के केबिन में गए। वहां कुछ देर तक वार्ता के बाद उन्होंने आधिकारिक तौर पर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। पार्थ चटर्जी ने उन्हें पार्टी का झंडा थमाया। इस दौरान सब्यसाची ने कहा कि तृणमूल में उन्हें लेकर कुछ गलतफहमी हो गई थीं जिसके कारण उन्होंने पार्टी छोड़ी थी। अब वापस लौट कर अच्छा लग रहा है। जिस तरह से पार्टी के शीर्ष नेता निर्देश देंगे उस तरह से काम करेंगे। ममता बनर्जी ने मुझे फिर से स्वीकार किया है इसके लिए कृतज्ञ हूं।

पार्थ चटर्जी ने कहा कि आज दीदी ने विधायक के तौर पर तीसरी बार शपथ ली है और इस शुभ अवसर पर सब्यसाची की वापसी पार्टी के लिए शुभ है। उनके आने से निश्चित तौर पर पार्टी को मजबूती मिली है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही सब्यसाची ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तीखी आलोचना की थी। इसके बाद से उनके तृणमूल में वापसी के कयास लगाए जा रहे थे। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के बाद से ही उनके तेवर बगावती थै और पार्टी की कार्यशैली पर गाहे-बगाहे सवाल खड़ा कर रहे थे।