Rohini Court Firing: जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या, दोनों हमलावरों की हुई पहचान, एक मेरठ और दूसरा सोनीपत का

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दिल्ली की रोहिणी कोर्ट (Firing at Rohini Court) में ज़बरदस्त फायरिंग की ख़बर है| इसमें तीन लोगों की मौत हुई है. साथ दिल्ली के एक बड़े अपराधी जितेंद्र गोगी (Jitender Gogi) की भी इस फायरिंग में मौत हो गई है| बता दें कि रोहिणी कोर्ट में टिल्लू गैंग के लोगों ने गैंगस्टर गोगी पर हमला किया| हमलावर वकील की वेशभूषा में आए थे| गैंगस्टर गोगी की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई| बाद में स्पेशल सेल ने दो हमलावरों को मौके पर मार गिराया| एक का नाम राहुल है, जिस पर 50 हज़ार का इनाम था जबकि दूसरा उसका साथी है| गोगी को स्पेशल सेल आज पेशी के लिए ले गई थी| टिल्लू और गोगी गैंग के बीच कई सालों से गैंगवार चल रहा है, जिसमें दोनों तरफ से 25 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं|

बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी थी, जब मोस्टवांटेड गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी को उसके तीन साथियों के साथ अरेस्ट किया गया था| गोगी पर दिल्ली में 4 और हरियाणा में 3 लाख का इनाम घोषित था|हरियाणा पुलिस ने ये इनाम रागिनी गायिका हर्षिया दहिया मर्डर केस में रखा था| दिल्ली पुलिस ने गोगी और उसके साथियों को गुरुग्राम के एक अपार्टमेंट से अरेस्ट किया था| बता दें कि गोगी कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका था| नरेला में आम आदमी पार्टी के नेता वीरेंद्र मान को गोगी गैंग के गुंडों ने 26 गोलियां मारी थी| 2018 में इस गैंग का टिल्लू गैंग से झगड़ा हुआ था, जिसमें 3 लोगों की मौत और 5 घायल हुए थे|

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि दोनों हमलावर दिल्ली के मोस्ट वांटेड में से एक विचाराधीन कैदी गोगी के साथ मारे गए। उन्होंने कहा, पुलिस टीम ने दो हमलावरों पर जवाबी कार्रवाई शुरू की, जो वकीलों की पोशाक में थे और गोगी पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी रेंज) घटना की जांच करेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।

रोहिणी कोर्ट में आज जो वारदात हुई है, वो दिल्ली की किसी भी निचली अदालत में हो सकती है। साकेत कोर्ट में भी सुरक्षा राम भरोसे ही है। यहां न तो मेटल डिटेक्टर ठीक से काम करता है और न ही प्रवेश के समय वकीलों या अन्य किसी की कोई जांच की जाती है। जब सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की जांच होती है, हाई कोर्ट में बिना आइ कार्ड दिखाए वकील कोर्ट परिसर में नहीं जा सकते तो निचली अदालतों में भी सुरक्षा की ऐसी ही कड़ी व्यवस्था क्यों नहीं की जाती। पुलिस को वकीलों के साथ समन्वय के साथ कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।