राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को 12 महीने 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त राजस्थान सरकार के सभी कर्मचारी अगले साल से पहले (योजना के पुराने मॉडल) की तरह पेंशन योजना के हकदार होंगे।
राजस्थान विधानसभा में बजट पेश करते हुए गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत की। अगले वर्ष से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में सौ दिनों का रोजगार सुलभ होगा, जिसके लिए 800 करोड़ रुपये मूल्य सीमा का प्रस्ताव किया गया है।
पिछले साल शुरू की गई राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत, गहलोत ने फिटनेस काउल में एक साल में प्रति परिवार 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की शुरुआत की। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी अस्पतालों में आईपीडी और ओपीडी की सुविधा मुफ्त होगी।
“हमेशा की तरह, हमने बजट में समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा है। देश में कोरोना संकट के प्रबंधन को दुनिया भर में पसंद किया गया है।
गहलोत ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं पहले अलग कृषि बजट की आपूर्ति कर रहा हूं। यह राज्य में कृषि क्षेत्र में एक नया क्षितिज स्थापित करेगा।”
गहलोत ने सीएम कृषक साथी योजना के लिए 5,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की, जो कि अंतिम बजट में 2,000 करोड़ रुपये हुआ करती थी।
वर्ष 2022-23 के बजट में राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के लिए 2700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया, जिससे 5 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
उन्होंने मनरेगा में 100 दिन की जगह एक सौ पच्चीस दिन का रोजगार देने का भी ऐलान किया। सात सौ करोड़ रुपये का खर्च देश सरकार वहन करेगी।
बिजली उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट मुफ्त बिजली इनके लिए 100 यूनिट का उपयोग, सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रुपये प्रति यूनिट की आपूर्ति 150 गैजेट तक और डेढ़ सौ से 300 उपकरणों और उससे अधिक के ग्राहकों के लिए 2 रुपये / यूनिट अनुदान के अनुसार स्लैब। राज्य सरकार 4,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
गहलोत ने एससी-एसटी विकास कोष के लिए 500 करोड़ रुपये और ईडब्ल्यूएस परिवारों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित करने की भी घोषणा की।