कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, बंगाल की सीएम ममता के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर सवाल उठाया तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है। सीतारमण ने पूछा कि क्या राहुल मौद्रिकरण का मतलब समझते हैं। वह कांग्रेस थी जिसने देश के संसाधनों को बेचा और उसमें रिश्वत प्राप्त की।
मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने जमीन और खदान जैसे संसाधनों को बेचने पर रिश्वत हासिल की। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का मौद्रिकरण करके 8,000 करोड़ रुपये जुटाए, और 2008 में संप्रग सरकार ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को पट्टे पर देने के लिये आग्रह पत्र आमंत्रित किया था।
उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस स्टेशन के लिए आरएफपी किसने मंगाया था? क्या अब यह ‘जीजाजी’ के स्वामित्व में है! राहुल गांधी की उस घटना को याद करते हुये जहां उन्होंने (गांधी ने) सहमत नहीं होने पर अध्यादेश की प्रति को फाड़ दिया था सीतारमण ने कहा कि राहुल गांधी ने रेलवे स्टेशन को पट्टे पर देने के प्रस्ताव संबंधी दस्तावेज को क्यों नहीं फाड़ दिया।