उचित मात्रा में प्रोटीन और न्यूट्रिशन के माध्यम से भारतीय युवाओं के बीच मांसपेशियों की पर्याप्त ताकत बनाए रखने की महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से डैनोन इंडिया के प्रमुख ब्रांड, प्रोटीनेक्स ने आज टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफार्म पर एक नया टीवीसी लॉन्च किया। यह टीवीसी एक भारतीय व्यस्क के जीवन को चित्रित करता है जो थकान और ताकत की कमी के कारण घर के बुनियादी काम करने में असमर्थ है। टीवीसी का समापन एक एक्सपर्ट द्वारा उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों के नुकसान पर प्रकाश डालने के साथ होता है जोकि 30 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीयों की मांसपेशियों की ताकत में गिरावट पर चिंता व्यक्त करता है। इस टीवीसी को डीडीबी मुद्रा द्वारा बनाया गया है और यह हमारे दैनिक जीवन से प्रेरणा लेता है तथा दर्शाता है कि कैसे घटती ताकत किसी व्यक्ति की अपने परिवार के साथ जीवन का आनंद लेने की क्षमता को प्रभावित करती है।
कमजोर मांसपेशियां और भारतीयों में ताकत की कमी एक बढ़ती हुई चिंता है। भारत के वयस्कों में सेडेंटरी लाइफ़स्टाइल पहले की तुलना में अधिक आम हो गया है। 30 की उम्र से ऊपर के लोग अब शारीरिक गतिविधि की कमी, अनुचित आहार और खराब जीवनशैली विकल्पों के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिससे थकान और ताकत की कमी हो रही है। हाल के एक अध्ययन के अनुसार – 70% की एक बड़ी आबादी से ज्यादा भारतीय वयस्कों में मांसपेशियों का स्वास्थ्य खराब है और 68% वयस्कों में पर्याप्त प्रोटीन स्तर की कमी है। लोगों में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो गई है, जिससे नियमित कार्य करने के लिए उनकी ऊर्जा के स्तर में गिरावट आई है, शारीरिक सहनशक्ति और स्वास्थ्य में कमी आई है।
श्रीराम पद्मनाभन, मार्केटिंग डायरेक्टर, डैनोन इंडिया ने टिप्पणी की, “प्रोटीनेक्स प्रोटीन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। ज्यादातर भारतीय अक्सर अपने आहार में प्रोटीन की उपेक्षा करते हैं और इसके पीछे मुख्य कारण पर्याप्त प्रोटीन सेवन के बारे में समझ की कमी है और यह एक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस टीवीसी के माध्यम से, हमारा इरादा इस तथ्य के बारे में जागरूकता पैदा करना है कि अगर पर्याप्त प्रोटीन के सेवन और शारीरिक गतिविधि को उचित रूप से संबोधित नहीं किया गया तो मांसपेशियों के नुकसान से ताकत की कमी हो सकती है।”
पल्लवी चक्रवर्ती, क्रिएटिव हेड-वेस्ट, डीडीबी मुद्रा ने टिप्पणी की, “एक लंबे समय पहले 30 साल की आयु से गुजरने के बाद आज मैं यह जानकर हैरान हूं कि 30 साल की उम्र के बाद किस प्रकार हमारी मांसपेशियां कमजोर होती चली जाती हैं। यह बाहर से दिखाई नहीं देता है और हम खुद को समझाते रहते हैं कि हमें थकान महसूस नहीं होती। क्योंकि यह बाहरी रूप से दिखाई नहीं देता है, हम अंत में खुद से कहते हैं कि हमें थकान भी महसूस नहीं होती है। प्रोटीन की आवश्यकता को स्वीकार करने का समय आ गया है और इसलिए, हमारे दैनिक जीवन में प्रोटीनेक्स को शामिल करना जरूरी है। इस टीवीसी के माध्यम से हम भारतीय वयस्कों को इस बारे में शिक्षित करना चाहते हैं कि उन्हें अपनी मांसपेशियों के स्वास्थ्य के विषय में जागरूक होना चाहिए।”