पाकिस्तान सरकार ने पेगासस मामले में भारत के कथित तौर पर विदेशी लोगों की जासूसी करने को लेकर मीडिया में आई ख़बरों पर चिंता प्रकट करते हुए संयुक्त राष्ट्र से मामले की जाँच करने की मांग की है.
इस मामले में जिन बड़े नेताओं के नाम आए हैं उनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का भी नाम शामिल है. कहा गया है कि इसराइली स्पाईवेयर प्रोग्राम पेगासस के ग्राहकों ने इमरान ख़ान को भी निशाना बनाने के लिए कहा था.
मानवाधिका संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल और फ़्रांस के मीडिया ग्रुप फ़ॉरबिडेन स्टोरीज़ ने 50,000 नंबरों की एक सूची हासिल की थी जिसमें दुनिया भर के 14 शासकों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारो के नाम शामिल थे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अब कथित रूप से भारत सरकार के पेगासस के कथित इस्तेमाल पर बयान जारी किया है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है, “हमने उन मीडिया रिपोर्ट्स को बेहद गंभीरता से लिया है जिन्होंने भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री इमरान ख़ान समेत तमाम विदेशी नागरिकों एवं अपने ही नागरिकों के ख़िलाफ़ इसराइली मूल का स्पाइवेयर इस्तेमाल करके संगठित ढंग से चलाए जा रहे जासूसी अभियान का पर्दाफाश किया है.”
इस बयान में उन गतिविधियों की भी निंदा की गयी है जिसे बयान में “भारत सरकार द्वारा प्रायोजित लगातार चलने वाला व्यापक सर्विलांस एवं जासूसी अभियान” कहा गया है और “जो कि ज़िम्मेदार राष्ट्रीय व्यवहार के वैश्विक मानकों के ख़िलाफ़ है”.
विदेश मंत्रालय ने कहा है, “हम बहुत ध्यान से इस पर्दाफ़ाश को देख रहे हैं और उचित वैश्विक मंचों पर भारत के ग़लत कामों की ओर ध्यान दिलाएंगे.”
पाकिस्तान ने संबंधित यूएन संस्थाओं से भी इस मामले की जाँच करने का आग्रह करते हुए कहा है कि “तथ्यों को सामने लाया जाए और भारतीय अपराधियों की ज़िम्मेदारी तय की जाए.