विविधता से भरपूर भारतीय अर्थव्यवस्था में कारीगर, बुनकर एवं शिल्पकार उस धागे की तरह हैं, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक सूत्र में पिरोते हैं और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को गति देते हैं। उनकी अहमियत को ध्यान में रखते हुए भारत के घरेलू ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट ने पिछले 6 वर्षों में 18 लाख से अधिक आजीविकाओं को सशक्त किया है और 100 से अधिक पारंपरिक कला स्वरूपों को संरक्षित करने में भूमिका निभाई है। समर्थ प्रोग्राम कौशल, डिजिटल प्रशिक्षण और राष्ट्रीय स्तर पर 50 करोड़ से अधिक ग्राहकों तक पहुंच प्रदान कर रहा है। इससे सुनिश्चित हुआ है कि भारतीय कला रूपों की विरासत फलती-फूलती रहे। समर्थ प्रोग्राम ने अभी इस पहल का हिस्सा बने 2,000 से अधिक एक्टिव सेलर्स के साथ जबर्दस्त तेजी देखी है।
विश्व कारीगर दिवस (वर्ल्ड आर्टिसन डे) के मौके पर फ्लिपकार्ट ने स्थानीय प्रतिभाओं को डिजिटल इकोनॉमी में आगे बढ़ने में मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूती दी है।
भारत में रेशम की विरासत को संरक्षित कर रहे वाराणसी के दुज्जना सिल्क एम्पोरियम के मालिक वराक अहमद; छोटे बच्चों के लिए फुटवियर यानी इन्फेंट फुटवियर ब्रांड स्थापित करने के लिए कॉरपोरेट जॉब छोड़ देने वाले कोलकाता के पोटली बाय स्कार्पा इटालिया के मालिक अशीम कुमार दास और पारंपरिक शहद के व्यवसाय को डिजिटल फर्स्ट में बदल देने वाले गुजरात के गिर हनी के मालिक ओम आहूजा जैसे कारीगरों का सफर जुनून को प्रगति और परंपरा को अवसर में बदलने की दिशा में फ्लिपकार्ट समर्थ की परिवर्तनकारी ताकत को दिखाता है।
वाराणसी के दिल में, जहां परंपरा और कालातीत कलात्मकता की मुलाकात होती है, वहीं वराक अहमद भारत की रेशम की विरासत (सिल्क हेरिटेज) को आगे बढ़ा रहे हैं। दुज्जना सिल्क एम्पोरियम के संस्थापक के रूप में वराक उद्यमियों की एक नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो आधुनिक उद्यमशीलता के माध्यम से सदियों पुराने शिल्प को पुनर्जीवित कर रहे हैं।
कला में स्नातक करने के बाद एक सोच के रूप में शुरू हुआ यह व्यवसाय आज वाराणसी की बुनाई परंपरा को बढ़ाने वाले समृद्ध साड़ी व्यवसाय में बदल चुका है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता था कि हमारे बनारसी रेशम को और अधिक विस्तार मिलना चाहिए।” इसी सोच ने दो साल पहले दुज्जना सिल्क एम्पोरियम की नींव रखी थी। उनके सफर में समर्थ प्रोग्राम से बड़ी मदद मिली। यह प्रोग्राम जीरो-कमीशन प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्थानीय कारीगरों का समर्थन करता है। वह कहते हैं, “ऐसा कोई प्लेटफॉर्म मिलना दुर्लभ है। आमतौर पर, उत्पाद की कीमत जितनी अधिक होती है, कमीशन भी उतना ही अधिक होता है। फ्लिपकार्ट के समर्थ प्रोग्राम ने हमें काफी सशक्त बनाया है।” इस तरह के समर्थन से उनके जैसे छोटे व्यवसायों की दृश्यता बढ़ी है और उनमें आगे बढ़ने का आत्मविश्वास पैदा हुआ है।