जनप्रतिनिधियों के अमर्यादित व्‍यवहार पर ओम बिरला ने जताया अफसोस, शालीनता के सबसे ऊंचे पैमानों का पालन करने की दी सीख

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पूरे विश्व में आज अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (International Day of Democracy) मनाया जा रहा है| इस मौके पर 81वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि सर्वोच्च जनतांत्रिक संस्था होने के नाते हम देश की अन्य संस्थाओं के लिए आदर्श हैं| उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपने कार्यों में अनुशासन और शालीनता के उच्चतम प्रतिमानों को बनाए रखने का आह्वान किया| लोकसभा अध्यक्ष  की अध्यक्षता में यह सम्मेलन वर्चुअली आयोजित हो रहा है|

बिरला ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि हाल के वर्षों में जनप्रतिनिधियों के अशोभनीय व्यवहार की घटनाएं बढ़ी हैं और कहा कि इससे इन संस्थाओं की छवि धूमिल होती है। उन्होंने कहा कि विधान मंडलों की विश्वसनीयता उनके सदस्यों की भूमिका और आचरण से जुड़ी होती है और इसलिए उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे विधान मंडल के अंदर और बाहर शालीनता के उच्चतम मानदंडों का पालन करें। 

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से जनप्रतिनिधि के आचरण के मानदंडों के बारे में विचार और मंथन हो।’’ इस सम्मेलन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों ने भी भाग लिया। बिरला ने कहा कि इस विषय पर वर्ष 1992, 1997 और 2001 में अलग-अलग सम्मेलन आयोजित किए गए थे और उन सम्मेलनों में लिए गए संकल्पों एवं निर्णयों के क्रियान्वयन के संबंध में पीठासीन अधिकारियों, सभी दलों के नेताओं और सचेतकों द्वारा सामूहिक और समन्वित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।