एमएसडीई ने सीपीएसई के साथ वर्चुअल वर्कशॉप का आयोजन किया

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अगले एक वर्ष में 10 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के उद्देश्य से, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) ने आज सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSEs) के साथ एक वर्चुअल वर्कशॉप का आयोजन किया। इस दौरान उन्हें मंत्रालय द्वारा किए गए नवीनतम सुधारों और पहलों में शामिल किया, जिससे उन्हें अधिक प्रशिक्षुओं के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

वर्कशॉप में 100 से अधिक CPSEs के सीएमडी, एचआर मैनेजर और सीएसआर प्रमुखों ने भाग लिया, जिन्होंने अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग पर अपने काम को साझा किया और देश में अप्रेंटिसशिप मॉडल को सफल बनाने के अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की।
माननीय श्री धर्मेंद्र प्रधान,शिक्षा औरकौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री और कौशल विकास और उद्यमशीलता और MEITY राज्य मंत्री माननीय श्री राजीव चंद्रशेखर ने वर्कशॉप में भाग लिया और CPSEs के साथ अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस राष्ट्रीय निर्माण कार्य में किस प्रकार सर्वोत्तम योगदान दे सकते हैं।
माननीय श्री धर्मेंद्र प्रधान,शिक्षाऔरकौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री ने CPSEs से कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए अभिनव तरीके तलाशने का आह्वान किया और समग्र कौशल भारत मिशन के तहत अपने स्थानीय क्षेत्रों के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों, जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) को अपनाने सहित, अधिक प्रशिक्षुओं को शामिल करने, एनएसक्यूएफ के साथ अपने कौशल ढांचे को संरेखित करने, कौशल विकास प्रयासों को बढ़ाने के लिए सीएसआर का लाभ उठाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने आगे कहा कि, “हम NEP2020 की अनुशंसा को लागू कर रहे हैं। हमें अधिक व्यवसायिक और बहुमुखी कार्यबल बनाने के लिए शिक्षा और कौशल का मजबूत इंटीग्रेशन बनाना चाहिए।”
श्री प्रधान ने कहा कि, “काम करने की प्रवृति बदल रही है। हमें एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी, डेटा मैनेजमेंट जैसे विषयों के बारे में ज्ञान का परिचय करवाना चाहिए। मैं CPSEs के उपक्रमों से एक डायनामिक, प्रोग्रेसिव और मॉडर्न नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की रूपरेखा तैयार करने के लिए अपने सुझावों और विचारों को सामने रखने का आह्वान करता हूं।”
कौशल विकास और उद्यमशीलता और MEITY राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने CPSE को संबोधित करते हुए कहा, “कंपनियों को न केवल फ्रेश स्किलिंग पर ध्यान देना चाहिए बल्कि अप-स्किलिंग, री-स्किलिंग और मल्टी-स्किलिंग पर भी ध्यान देना चाहिए; ताकि वे आज की नौकरियों के तेजी से बदलते स्वरूप को आसानी से अपना सकें। अप्रेंटिसशिप कौशल विकास के सबसे महत्वपूर्ण मॉडल में से एक होने के नाते, MSDE और CPSEsमें प्रबंधन दोनों द्वारा व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। स्किलिंग को या तो प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए या सभी कंपनियों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कार्यबल में अनिवार्य किया जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्किल इंडिया मिशन के तहत हमारा कार्यबल औपचारिक रूप से कुशल और प्रमाणित है।
उन्होंने कहा कि, “स्किलिंग एंड री-स्किलिंग युवाओं को कोविड के बाद नए अवसरों के अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न के अनुसार युवाओं के लिए कौशल को आकांक्षी बनाना है। इंडस्ट्री को जॉब रोल को आकार देने मं सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।”
MSDE ने प्रमाणित किया है कि सभी कंपनियों को स्किल इंडिया पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करने की आवश्यकता है। प्रत्येक स्किल सेंटर पंजीकृत होना चाहिए चाहे वह कंपनी के स्वामित्व वाला हो या अनुबंधित नेतृत्व वाला प्रशिक्षण केंद्र, ताकि डेटा एकत्रीकरण के लिए सिंगल प्लेटफॉर्म सुनिश्चित किया जा सके।