एयरपोर्ट की माँग को लेकर एकबार फिर आंदोलन शुरू

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लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर से पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की मांग तेज हो चली है। अपने इस चीर परिचित मांग को लेकर पूर्णियावासी भूख हड़ताल पर बैठ गए। सिविल सोसाइटी, चिकित्सक, शिक्षक, रिटायर्ड अधिकारी, कलाकार व शहर के कई बड़े व्यवसायी एक दिवसीय भूख हड़ताल पर हैं। हड़ताल दोपहर करीब 3 बजे से शहर के टैक्सी स्टैंड स्थित अंबेडकर सेवा सदन में जारी है।

सालो से अधर में अटके पीएम पैकेज बिहार 2015 का हिस्सा पूर्णिया एयरपोर्ट की शुरुआत पोटा केबिन सिविल इनक्लेव के जरिए जल्द से जल्द पूरी की जाए, इसे लेकर भूख हड़ताल बुलाई गई है। भूख हड़ताल पर बैठे लोगों ने राज्य और केंद्र सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की तारीख घोषित करने की मांग करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।एयरपोर्ट फॉर पूर्णिया के महासचिव अरविन्द कुमार सिंह और अरविन्द कुमार झा ने ने कहा कि करीब दो दशक से अधर में अटके पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण का कार्य जल्द से जल्द शुरू नहीं किया गया, तो अब पूर्णिया के लोग सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे। केंद्र और राज्य सरकार को इस बात का अहसास कराया जाएगा।

जनता में कितनी ताकत है।भूख हड़ताल पर बैठे लोगों ने कहा कि एयरपोर्ट वर्तमान समय में बुनियादी सुविधाओं में शामिल है। ऐसे में एयरपोर्ट की जरूरत कोसी और सीमांचल को ही नहीं बल्कि कुल 7 जिले के करोड़ों की आबादी है। साथ ही बंगाल का पश्चिमी दिनाजपुर और नेपाल की सीमा से लगे लोगों को इसका सीधा फायदा होगा। बावजूद इसके पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण का मसला लंबे वक्त से अधर में अटका है। साल 2015 में पीएम मोदी ने एयरपोर्ट निर्माण की घोषणा की थी। जो आज तक पूरी नहीं हो सकी।