डोमिनिका कोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को मेडिकल आधार पर एंटीगुआ और बारबुडा जाने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। यह जमानत एंटीगुआ में इलाज के लिए दी गई है। यात्रा के लिए फिट प्रमाणित होने तक अंतरिम जमानत मिली है, जिसके बाद उसे डोमिनिका लौटना होगा।
इससे पहले मेहुल चोकसी ने तंत्रिका संबंधी (न्यूरोलॉजिकल) स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त होने और इसका इलाज डोमिनिका में उपलब्ध नहीं होने को आधार बनाकर अपनी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा उसने इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने का भी आग्रह किया था, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। पहले इस याचिका पर सुनवाई 23 जुलाई को होनी थी।
चोकसी भारत से फरार होने के बाद 2018 से एंटीगुआ एंड बारबुडा में रह रहा है और वह वहां से लापता हो गया था तथा उसे अवैध प्रवेश के लिए 23 मई को पड़ोसी देश डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था। 62 साल का हीरा कारोबारी 13,500 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में भारत में वांटेड है।
इससे पहले, चोकसी ने आरोप लगाया कि डोमिनिका में अवैध प्रवेश के लिए उसकी गिरफ्तारी भारत सरकार के प्रतिनिधियों के ‘‘कहने’’ पर हुई और उसने अपने खिलाफ कार्यवाही रद्द करने की मांग करते हुए रोसीयू के उच्च न्यायालय में एक मामला दर्ज कराया है।
चोकसी अब डोमिनिका के पड़ोसी देश एंटीगुआ का नागरिक है, जहां उसने अपने प्रत्यर्पण को चुनौती दी है। चोकसी ने डोमिनिकन अदालत के सामने दावा किया कि उसे एंटीगुआ में अगवा कर लिया गया था और भारतीयों द्वारा जबरन डोमिनिका लाया गया था। डोमिनिकन सरकार उसे देश में एक ‘निषिद्ध अप्रवासी’ घोषित कर चुकी है।
चोकसी ने दावा किया है कि भारतीय लोगों ने उसे एंटीगुआ एंड बारबुडा से अगवा किया तथा जबरन डोमिनिका लेकर आए. उसने दावा किया कि उसने डोमिनिका पुलिस को अपनी परेशानी बतायी थी लेकिन उन्होंने आरोपों की कोई जांच नहीं की.
चोकसी ने कहा, ‘आवेदक की गिरफ्तारी और उस पर मुकदमा चलाना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि आवेदक पर आरोप लगाने वाली पुलिस उसके अपहरणकर्ताओं के साथ मिली हुई है और उसने याचिकाकर्ता का डोमिनिका में जबरन प्रवेश कराया.’