बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद सोमवार को पहली बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को पांच दिवसीय दिल्ली दौरे पर रवाना हुईं, जहां वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुछ प्रमुख विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगी। इसके पहले मंत्रिमंडल की बैठक कर ममता ने पेगासस मामले की जांच के लिए आयोग का गठन कर दिया है। माना जा रहा है कि दिल्ली में केंद्र को घेरने के लिए मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं।
वहीं, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फर्जी टीकाकरण शिविर मामला, चुनाव बाद हिंसा और अन्य मुद्दों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही हैं और इससे बचने के लिए वह कुछ दिन के लिए राज्य से बाहर रहना चाहती हैं।
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों को एकजुट करने का बनर्जी का प्रयास सफल नहीं होगा।
राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में हिस्सा लेने के बाद ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुईं। बनर्जी ने कोलकाता के एन एस सी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से बात नहीं की।
इससे पहले ममता बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा था कि प्रधानमंत्री ने उन्हें इस सप्ताह के बाद मुलाकात का समय दिया है। उन्होंने कहा था कि वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करने की इच्छुक हैं। हालांकि, बनर्जी ने प्रधानमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया था।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि 26-30 जुलाई के दौरे के दौरान ममता बनर्जी संसद भी जा सकती हैं, जहां मॉनसून सत्र चल रहा है। 28 जुलाई को उनका प्रधानमंत्री से मुलाकात का कार्यक्रम है।