लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है. एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की स्पेशल बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की.
SIT की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील करने की सिफारिश की थी. जज ने यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी है. सुप्रीम कोर्ट ने चिट्ठी पर यूपी सरकार से जवाब मांगा था. कोर्ट ने पूछा था कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील को लेकर यूपी का क्या रुख है ? SC ने पंजाब और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश कुमार जैन की चिट्ठी को राज्य सरकार और याचिकाकर्ता को देने को कहा था.
यूपी के लिए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि हमने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी है कि क्या एसएलपी दाखिल करनी है? CJI रमना ने यूपी सरकार को कहा कि हम आपको मजबूर नहीं कर सकते. चिट्ठी लिखे जाने पर आपने कोई जवाब नहीं दिया. यह कोई ऐसा मामला नहीं है जहां आपको महीने या सालों का इंतजार करना पड़े.
यूपी सरकार ने कहा कि हमारा स्टैंड वही है. हमने पहले ही अपनी स्थिति पर एक हलफनामा दायर किया था. हमने हाईकोर्ट में भी जमानत का विरोध किया था. हमारा रुख नहीं बदलेगा. राज्य सरकार ने गवाहों व्यापक सुरक्षा प्रदान की है. गवाहों के लिए कोई खतरा नहीं है. वे कह रहे हैं कि हमें अपील दायर करनी चाहिए क्योंकि वे आरोपी गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. हमने गवाहों से संपर्क किया है. उन्होंने कहा कि कोई खतरा नहीं है.