काशफुल का तकिया बनेगा! हावड़ा प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने जिस संभावना पर प्रकाश डाला था, वह कार्यान्वयन के रास्ते पर है। पश्चिम बंगाल देश में इस तरह की पहली पहल के रूप में पहले ही प्रशंसा प्राप्त कर चुका है। राज्य में पहली बार हावड़ा जिले के संकरेल ब्लॉक में तकिए बनाने का काम शुरू हुआ है। धूलागढ़ पंचायत में आईसीएआर, विश्व बांग्ला व राज्य प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में काश बालिश बनाने का काम शुरू हुआ। महिला स्वयं सहायता समूहों ने पहले चरण का काम शुरू कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई इस योजना में 75 फीसदी प्राकृतिक कपास और 25 फीसदी कश्मीरी का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि बाद में इस रकम को 50 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है या नहीं, इस पर रिसर्च जारी रहेगी।