कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी 28 सितंबर को थामेंगे कांग्रेस का हाथ! युवा चेहरों पर पार्टी की नजर: सूत्र

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सूत्रों के अनुसार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य Kanhaiya Kumar और समाजिक कार्यकर्ता और गुजरात की वडगाम विधानसभा से विधायक Jignesh Mewani 28 सितंबर को भारतीय कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे।

इससे पहले यह खबर आई थी कि यह दोनों युवा नेता 2 अक्टूबर महात्‍मा गांधी की जयंती के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) पार्टी की सदस्‍यता ले सकते हैं। अब सूत्र दावा कर रहे हैं कि कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर 28 सितंबर को पार्टी का दामन थामेंगे। कन्हैया कुमार पिछले दिनों राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से दो बार मुलाकात कर चुके है। दोनों मुलाकात के दौरान प्रशांत किशोर भी मौजूद रहे हैं।

मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े थे। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं जिग्नेश मेवानी दलित समुदाय से आते हैं। साल 2017 के चुनाव में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की तिगड़ी ने अहम भूमिका निभाई थी। फिलहाल जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

कांग्रेस पार्टी के जुड़े लोगों का कहना है कि कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल होने से निश्चित ही कांग्रेस को ताकत मिलेगी। पार्टी के नेताओं का मानना है कि पिछले दो सालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद और प्रियंका चतुर्वेदी जैसे नेताओं ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है, ऐसे में अगर कन्हैया कांग्रेस का दामन थामते हैं तो निश्चित ही पार्टी को बल मिलेगा। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में सभी लोग कन्हैया के स्वागत के लिए पलके बिछाए तैयार खड़े हैं। बड़ी संख्या में पार्टी के नेताओं का ये भी मानना है कि कन्हैया कुमार अपने विवादास्पद अतीत की वजह से कांग्रेस के लिए बेहद नुकसानदायक भी साबित हो सकते हैं। पिछले साल दिसंबर में पार्टी के पटना कार्यालय में हंगामे के लिए भाकपा में भी, उन्हें इस साल की शुरुआत में एक हल्की अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।