पाकिस्तान को अक्सर देखा गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरना का प्रयास करता है। हालांकि, हर बार भारत की ओर से उसके झूठ को सबके सामने रखा जाता रहा है। ऐसा ही शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में हुआ। पाक पीएम इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा, लेकिन इस बार जिस रुख के साथ उसको जवाब दिया गया वह देखने लायक रहा। वहीं, भारत की जिन जूनियर महिला राजनयिक ने पीएम इमरान को जवाब दिया, उनकी काफी सहारना हो रही है।
कौन है संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से बोलने वाली ये अधिकारीपहले बता दें कि इनका नाम स्नेहा दुबे है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान के भाषण पर राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कड़ा जवाब दिया, जिसके बाद वह सुर्खियां बटोर रहीं हैं। लोगों ने इंटरनेट पर जाकर इस महिला अधिकारी के बारे में जानना शुरू कर दिया है। बता दें कि स्नेहा दुबे ने वर्ष 2011 में पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की। वह गोवा में पली-बढ़ी और अपने बचपन का अधिकांश समय वहीं बिताया। स्नेहा ने पुणे के फर्ग्यूसन कालेज से स्नातक करने के बाद नई दिल्ली के जवाहरलाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) से भूगोल में परास्नातक किया।
यह भी पढ़ेंस्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति कहां हुई?उपलब्ध जानकारी के अनुसार, स्नेहा को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का बहुत शौक था, चूंकि उनकी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में रुचि थी, इसलिए दुबे ने दिल्ली के जेएनयू में स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की पढ़ाई पूरी की। घूमने-फिरने की शौकीन स्नेहा का मानना है कि आईएफएस बनने से उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का बेहतरीन मौका मिला है। इंटरनेशनल सर्विस के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी। फिर अगस्त 2014 में, उन्हें मैड्रिड में भारतीय दूतावास में नियुक्त किया गया।
स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा, ”जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण भाग भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे| इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं| हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने की अपील करते हैं|”