बीते वर्षों के दौरान, भारत में सोने के रिफाइनिंग उद्योग में ज़बरदस्त वृद्धि देखने को मिली है और वैश्विक स्तर पर सोने की रिसाइकलिंग में भारत चौथे पायदान पर पहुंच गया है। एक अनुमान के मुताबिक, 2013 से 2021 के बीच भारत में सोने की रिफाइनिंग क्षमता 1500 टन यानी करीब 500 फीसदी तक बढ़ी है। इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में सोने की कुल आपूर्ति में 11 फीसदी हिस्सेदारी “पुराने सोने” की रही। इसकी मुख्य वजहें, सोने की कीमतों में हुए बदलाव, सोने की कीमतों को लेकर भविष्य में उम्मीदें और व्यापक आर्थिक परिदृश्य जैसी चीज़ें रहीं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने आज भारत में सोने के बाज़ार के बारे में गहराई से विश्लेषण करने की श्रृंखला के अंतर्गत “गोल्ड रिफाइनिंग एंड रिसाइकलिंग” शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में खास तौर पर बताया गया है कि भारत में लगातार बढ़ती सोने की मांग के बीच, रिसाइकलिंग की खास जगह बनी हुई है। इसके अलावा, रिपोर्ट में बदलावों के दौर के बाद स्थिरता की ओर बढ़ रहे रिफाइनिंग उद्योग के बारे में भी बताया गया है कि यह उद्योग तेज़ी से वृद्धि करेगा।
बीते वर्षों के दौरान, भारत में सोने के रिफाइनिंग उद्योग में ज़बरदस्त वृद्धि देखने को मिली है और वैश्विक स्तर पर सोने की रिसाइकलिंग में भारत चौथे पायदान पर पहुंच गया है। एक अनुमान के मुताबिक, 2013 से 2021 के बीच भारत में सोने की रिफाइनिंग क्षमता 1500 टन यानी करीब 500 फीसदी तक बढ़ी है। इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में सोने की कुल आपूर्ति में 11 फीसदी हिस्सेदारी “पुराने सोने” की रही। इसकी मुख्य वजहें, सोने की कीमतों में हुए बदलाव, सोने की कीमतों को लेकर भविष्य में उम्मीदें और व्यापक आर्थिक परिदृश्य जैसी चीज़ें रहीं।