इनोवेशन पर लगातार ध्यान देने वाली वैश्विक दवा कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (ग्लेनमार्क), ने मई महीने को हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) जागरूकता माह के रूप में मनाया। ग्लेनमार्क ने देश भर के 50 शहरों में 8000 से अधिक अस्पतालों और क्लीनिकों के 18,000 से अधिक हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (एचसीपी) के साथ साझेदारी की, और 110 से अधिक जन जागरूकता रैलियों और 8000 स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन किया, ताकि हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा की जा सके।
रैलियों में उच्च रक्तचाप से बचाव के उपायों पर एक विस्तृत सत्र आयोजित किया गया, जिसमें एक एचसीपी ने संकेतोंएवंलक्षणों के बारे में भी बताया। इस दौरान आम जनता के लिए स्क्रीनिंग कैंप लगाए गए। इस पूरी गतिविधि की चिकित्सा बिरादरी और जनता द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई। इस पहल के ज़रिये कंपनी ने 2 लाख से अधिक वयस्कों के बीच जागरूकता फैलाने का काम किया।
कार्यक्रम के बारे में बताते हुए, श्री आलोक मलिक, ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट एवं हेड, इंडियाफॉर्म्युलेशन, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने कहाकि “महीने भर चली यह पहल देश में इस साइलेंट किलर बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करने का हमारा प्रयास हैऔर इस बीमारी संबंधी चेतावनी के संकेत या लक्षण या तो बहुत कम दिखते हैं या कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखते हैं। इंडिया काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च द्वारा अभी हाल में किए सर्वेक्षण के अनुसार, हर तीन भारतीय वयस्कों में से एक व्यस्क व्यक्ति हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है। हाइपरटेंशन प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाते हुए, ग्लेनमार्क हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले इस रोग के खिलाफ देश में जारी लड़ाई में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
ग्लेनमार्क हाइपरटेंशन केटेगरी में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और अपनी पथ-प्रदर्शक हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप रोधी दवा, टेल्मा® के साथ, भारतीय आबादी के बीच इस रोग के बारे में जागरूकता फैलाने और निदान बढ़ाने में आगे है।कुछ समय पहले, कंपनी ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीय वयस्कों की उच्च रक्तचाप जागरूकता और स्क्रीनिंग के लिए #TakeChargeAt18 अभियान शुरू किया था। कंपनी अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म www.bpincontrol.inसहित कई चैनलों के ज़रिये पहले ही 1.2 मिलियन से अधिक भारतीय वयस्कों तक पहुंच चुकी है। 2020 में, ग्लेनमार्क ने एचएसआई (हाइपरटेंशन सोसाइटी ऑफ इंडिया)
और एपीआई (एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया) के सहयोग से दुनिया का पहला उच्च रक्तचाप जागरूकता प्रतीक – “द बीपी लोगो” लॉन्च किया।
हाइपरटेंशन हृदय रोगों यानी कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (सीवीडी), विशेष रूप से इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम पैदा करने वाले सबसे बड़े कारकों में से एक है। वर्तमान में, यह अनुमान है कि भारत में होने वाली सभी मौतों में से 28.1% सीवीडी के कारण हुईं, और विकलांगता-समायोजित जीवन वर्षों (डीएएलवाई) में सबसे बड़ा योगदानकर्ता (8.5%) उच्च सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (एसबीपी) रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन का 2025 तक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) के प्रसार में 25% सापेक्ष कमी लाने का लक्ष्य है, जिसे बीपी के जनसंख्या वितरण की रोकथाम करने और उस पर अच्छा नियंत्रण हासिल करने की रणनीतियों के संयोजन से प्राप्त किया जा सकता है।[i]