फ्लिपकार्ट भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नई पीढ़ी के दस्तकारों, बुनकरों और शिल्पियों को दे रहा है सहारा भारत में कला का अनूठा इतिहास रहा है और अनेक स्वदेशी शिल्प एवं प्रथाएं पीढ़ी दर पीढ़ी चलती चली आई हैं। भारत के लाखों दस्तकार, कलाकार, बुनकर और छोटे व्यवसायी देश की अर्थ व्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहे हैं। फ्लिपकार्ट समर्थ को भारत में 2019 में लॉंच किया गया ताकि भारत के दस्तकारों, बुनकरों और छोटे व्यवसायियों को ई-कॉमर्स से जोड़ा जा सके और लाखों जिंदगियों के परिवारों में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
पश्चिम बंगाल
प्रीतम चंद्रा डे पश्चिम बंगाल में फुलिया क्षेत्र के व्यवसायी हैं कलकत्ता विश्वविद्यालय में बीकॉम की पढ़ाई करते हुए उन्होंने ई-कॉमर्स की बारीकियों को गहराई से जाना और पुस्तकों की बिक्री शुरू की। भारत की कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत से मोहित होकर प्रीतम फ्लिपकार्ट के माध्यम से हैंडलूम की साड़ियां बेचना शुरू किया। प्रीतम का कारोबार 2016 से लेकर अब तक दस गुना बढ़ चुका है। उनकी अधिकतर बिक्री पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में होती है।वह कहते हैं, ”मुझे पहले छह महीने इस प्लेटफार्म को कोई कमिशन नहीं देना पड़ा जिससे मैं अपने निवेश का बेहतर इस्तेमाल कर सका। इस प्लेटफार्म के साथ काम करते हुए हमें फ्लिपकार्ट से हमेशा इस बारे में डेटा मिलता रहा कि हमें क्या डिजाइन करना चाहिए, किन किन मामलों में निवेश करना चाहिए, कीमत क्या रखनी चाहिए और किस तरह के प्रमोशन देने चाहिएं। अपना कारोबार बढ़ाने के लिए हमें फ्लिपकार्ट ने भारत भर में व्यापक वर्ग और सही उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में सहायता दी। साथ ही साथ हमें कला उद्योग की कुशलता और उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिली।” प्रीतम का लक्ष्य 100 से अधिक आर्डर हासिल करने और दुर्गा पूजा उत्सव की तरह ही अधिक बिक्री करने का है।
महाराष्ट्र
शशांक नागपुर शहर के विक्रेता हैं। उनके पिता रिटायरमेंट के बाद अपना कारोबार शुरू करना चाहते थे। उन्होंने पुरुषों के लिए कुर्ता, पायजामा जैसे परिधान डिजाइन कर उनकी बिक्री शुरु की। आईटी सेक्टर में काम करने से शशांक को डिजिटल बनने के फायदे और ई—कॉमर्स प्लेटफार्म की जानकारी थी। कुछ साल ऑनलाइन कारोबार करने के बाद शशांक ने अपने पिता के व्यवसाय को फ्लिपकार्ट पर लाने में मदद देने का फैसला किया। जनवरी, 2022 में फ्लिपकार्ट के समर्थ प्रोग्राम के दौरान शशांक के व्यवसाय में 120 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और उनका कारोबार 6 लाख रु से भी अधिक बढ़ गया। अब शशांक इस साल बिग बिलियन डेज़ के दौरान 1 करोड़ रुपये की आमदनी करना चाहते हैं जो 2021 में 30 लाख रु थी।
वह कहते हैं, ”हमें इस बात की खुशी है कि हमने ऑनलाइन मार्केट की क्षमताओं को अपनाने का हौसला दिखाया। हम अपना पूरा कारोबार ऑनलाइन करना चाहते हैं। ताकि हम पूरी तरह डिजिटल की ओर शिफ्ट कर जाएं। हमारे कारोबार का एक लक्ष्य अपनी श्रेणी का विस्तार करने और इसमें महिलाओं के कपड़ों की व्यापक रेंज शामिल करने का भी है ताकि हम सभी ग्राहकों के लिए संपूर्ण फैशन ब्रांड बन सकें।”
नागपुर केकेशव जेठानंद खुशलानी48 वर्षीय इलैक्ट्रिकल इंजीनियर एवं व्यवसायी हैं जिन्होंने अपने जीवन की चुनौतियों से पार पाते हुए इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की ऑनलाइन ब्रिकी शुरू की। ऑनलाइन रिटेल पर दूसरे विक्रेताओं की तरक्की को देखते हुए उन्होंने अपने बेटे राहुल के साथ 2014 में ऑनलाइन कारोबार सिर्फ 2 लाख रु से शुरु किया। उन्होंने फ्लिपकार्ट के साथ उड़ान भरी और 2015 में एक ही साल में 3.4 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल कर लिया। कड़ी मेहनत से उन्हें अब करीब 200 से 300 आर्डर हर रोज मिलते हैं और 2020 के बाद से उनका टर्नओवर 84 करोड़ रु वार्षिक हो गया है।
उनका मानना है कि आनलाइन चैनल से उन्हें वह प्रगति मिली है जिसकी वह कल्पना नहीं कर सकते थे क्योंकि अब उन्हें देशभर से आर्डर मिलते हैं। केशव कहते हैं, ”फ्लिपकार्ट ने मुझे कई लाभ दिए। मुझे अकाउंट मैनेजरों का दिशा निर्देशन मिला और वेयरहाउसिंग स्पेस भी मिला जिससे मैं अपना कारोबार बढ़ा सका। मैं हर महीने मुनाफा कमा पा रहा हूं। मैं आने वाले वर्ष में अपनी बिक्री दुगना करने जा रहा हूं।”
गुजरात
25 वर्षीय व्यवसायी विवेक राघवभाई मालवीय ख्वाबों की नगरी मुंबई के रहने वाले हैं। तीन साल पहले बीकॉम की डिग्री पूरी करने के बाद वह अपने चचेरे भाई के साथ कारोबार शुरू करने के लिए वह राजकोट चले आए। अपने दोस्त की सलाह मानते हुए उन्होंने फ्लिपकार्ट के जरिए किचन आइटम जैसे वाटर बोटल्स, आयल डिस्पेंसर और अन्य प्लास्टिक सामान बेचना शुरू किया। पहले तो काम धीरे ही चला लेकिन मेहनत के बल पर उन्होंने एक साल में ही काफी तरक्की कर ली। फ्लिपकार्ट के अकाउंट मैनेजरों की निगरानी में उन्होंने कारोबार बढ़ाने के तरीके सीखे और अपने निवेश को संभालना भी जाना। अब साल दर साल उनका कारोबार पांच गुना बढ़ रहा है।
विवेक कहते हैं, ”मैंने अपने आनलाइन कारोबार में जो तरक्की हासिल की है उसके लिए मैं फ्लिपकार्ट का आभारी हूं। मैं फख्र से कह सकता हूं कि मैं कार खरीद पाया, एक फ्लैट भी ले लिया है और 5 लोग मेरे कारोबार से जुड़े हैं। आने वाले बिग बिलियन डेज़ में मैंने प्रतिदिन 5000 ऑर्डर हासिल करने का लक्ष्य रखा है। मैंने फ्लिपकार्ट के राजकोट वेयरहाउस में स्थान लेने का आवेदन भी दिया है ताकि मैं अधिकतर उत्सवों के सीजन में अपना कारोबार बढ़ा सकूं।”
गुजरात में राजकोट के ही छोटे से गांव वीरपुर के निवासी धवल पटेल एक ऐसे ही विक्रेता हैं। उनके नवरंग हैंडीक्राफ्ट ने 35 से अधिक महिलाओं को रोजगार दिया है और उनके 80 प्रतिशत से अधिक उत्पाद जैसे डाई फ्रूट्स बॉक्स, पूजा बजोट, गिफ्ट बॉक्स और सजावटी सामान महिलाएं बनाती हैं। यह व्यवसाय धवल के चाचा ने शुरु किया था जो एक कलाकार हैं। धवल ने फ्लिपकार्ट समर्थ विक्रेता के साथ तीन साल पहले सफर शुरू किया और तब से उन्होंने जबर्दस्त प्रगति की है। इस आनलाइन प्लेटफार्म के जरिए धवल को अपने प्रोडक्ट्स बेचने या पेमेंट हासिल करने के लिए अब दूसरे शहरों तक नहीं जाना पड़ता। समर्थ विक्रेता के तौर पर धवल को पेमेंट, लिस्टिंग और ग्राहकों को लक्षित करने के बारे में लगातार मदद है। धवल का 80 प्रतिशत कारोबार ऑनलाइन हो गया है। वह 4.7 की रेटिंग के साथ फ्लिपकार्ट के शीर्ष विक्रेताओं में शामिल हैं।
धवल जैसे कारोबारियों से जुड़े दस्तकारों को उत्पादों को तैयार करने में काफी समय लगता है क्योंकि उनमें काफी बारीकियां होती हैं। धवल को करीब 100 आर्डर हर रोज मिलते हैं और उनका वार्षिक टर्नओवर एक करोड़ रु तक पहुंच चुका है। समर्थ की पहली सेल के दौरान उनके आर्डर की मांग दुगनी हो गई। उनके ज्यादातर ग्राहक दक्षिण भारत के हैं। धवल कहते हैं, ”मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं वीरपुर जैसे छोटे से गांव में बैठकर पूरे देश से आर्डर हासिल कर सकता हूं। फ्लिपकार्ट ने ऑनलाइन मार्केट पर हमारा भरोसा पैदा किया है। हमारे कारीगरों को भी इस बात की खुशी होती है कि उनके उत्पाद गोवा और कश्मीर में रहने वाले लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में मैं अपने आसपास के करीब 3000 स्थानीय कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना चाहता हूं।”
समर्थ प्रोग्राम के तहत, फ्लिपकार्ट अनेक सरकारी निकायों, रोजगार परक मिशनों, स्वतंत्र विक्रेताओं और एनजीओ पार्टनर के साथ काम करते हुए उन्हें अपने प्लेटफार्म से जोड़ रहा है। फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स के अनुभव को आसान बनाने के लिए काम कर रहा है और इसके लिए फ्लिपकार्ट ऍप11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है जिनमें तेलुगू, कन्नड़, मराठी, बंगला आदि शामिल हैं। इसके जरिए फ्लिपकार्ट टैक्नोलॉजी को सच्चे मायनों में समावेशी बनाते हुए समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत है।