डीएम ने रेगुलेटेड मार्केट मे अवैध निर्माण करने वाले काम को बंद करने का नोटिस दिया

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सिलीगुड़ी :- अवैध निर्माण कराने वाले सात लोगों के खिलाफ रेगुलेटेड मार्केट कमेटी ने सस्पेंशन आफ वर्क का नोटिस जारी किया है। इस पर निकासी द्वार के एक तरफ 12 कट्ठा जमीन पर अवैध निर्माण कराने वाले चोरी और सीना जोरी पर उतर आए हैं। बल्कि जारी नोटिस स्वीकार न कर मार्केट कमेटी समेत जिला शासक को आंख दिखा कर अवैध निर्माण कार्य जारी रखा है। मार्केट कमेटी ने सस्पेंशन आफ वर्क का नोटिस सीधे जमीन का आवंटन लेने वाले पाल ब्रदर्स को डाक के मार्फत भेजा है। पूर्वोत्तर में कच्चे माल की सबसे बड़ी मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में अनियमितताओं अंबार लगा हुआ है।ज्ञात हो कि मंडी के निकासीद्वार के एक तरफ मार्केट कामप्लेक्स तो एक तरफ 17 स्टाल का निर्माण कार्य शुरु हुआ। इसके साथ ही मंडी के भीतर कहीं बिजली के हाई टेंशन तार भन्न के नीचे तो कहीं हाई ड्रेन के ऊपर बंध अवैध तरीके से स्टालों का निर्माण पर कार्य भी रफ्तार पकड़े है। अखबार के जरिए सुर्खियों में आने पर पिछले माह फरवरी की शुरुआत में ही रेगुलेटेड मार्केट कमेटी की चेयरमैन सह जिला शासक प्रीति गोयल समेत राज्य के कृषि-विपणन मंत्री बेचा राम मान्ना ने तत्काल प्रभाव से काम बंद करने का निर्देश दिया, लेकिन तत्कालीन सचिव तमाल दास के मनोबल पर अवैध निर्माण का काम लगातार जारी रहा। इसके बाद विभाग ने तमाल दास का तबादला कर कोलकाता में नियुक्त सचिव को कार्यभार सौंपा। मंत्री और डीएम के निर्देश पर नए सचिव अनुपम मोइत्रा ने कई बार निर्माण कार्य बंद कराने का प्रयास किया लेकिन दलाल राज ने इनकी एक नहीं सुनी। अंत में डीएम के दिशा-निर्देश पर बीते बुधवार को इन्होंने कुल सात लोगों को सस्पेंशन आफ वर्क का नोटिस जारी किया।सूत्रों की माने तो निकासी द्वार के एक तरफ तुलाचौकी के बजाए 17 स्टाल बनाने वाले कौलेश्वर प्रसाद समेत छह लोगों ने नोटिस स्वीकार कर काम बंद किया है। हालांकि बिजली के हाई टेंशन तार के नीचे चार स्टाल बनकर तैयार हो गया है।लेकिन निकासी द्वार के एक तरफ 12 कट्ठा जमीन पर बहु-मंजिला मार्केट कामप्लेक्स बनाने वालों ने मार्केट कमेटी द्वारा जारी सस्पेंशन आफ वर्क का नोटिस स्वीकार नहीं किया। इसके बाद मार्केट कमेटी ने उस नोटिस को डाक के मार्फत पाल ब्रदर्स व प्रसेनजीत राय चौधरी उर्फ राजू को भेज दिया है।इस संबंध में मार्केट कमेटी के सचिव अनुपम मोइना ने कहा कि मार्केट कमेटी की चेयरमैन के आदेशानुसार ही उन्होंने सस्पेंशन आफ वर्क का नोटिस जारी किया है। चोरी और सीना जोरी वर्ष 2010 में 12 कट्ट्ठा में से छह हजार वर्ग फीट पर गोदाम बनाने का विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। 2011 में गोदाम को दरकिनार कर अंडर ग्राउंड पार्किंग के साथ जी प्लस फोर मार्केट कांप्लेक्स बनाने का एग्रीमेंट हुआ और निर्माणाधीन ढांचा से पार्किंग भी गायब है। आवेदन के 30 वर्षों की मियाद पूरी होने पर नवीनीकरण का भी प्रावधान एग्रीमेंट में उल्लेखित है, बल्कि एग्रीमेंट में स्पष्ट उल्लेखित है कि मार्केट कांप्लेक्स बनाकर उपयोग में लाने पर निर्धारित किराया लागू होगा अर्थात वर्ष 2011 में आवंटित जमीन पर 2024 में निर्माण कार्य शुरु हुआ तो बीते 13 वर्षों का • किराया या सरकारी राजस्व का नुकसान।पाल ब्रदर्स और रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के दिए हुए इस एग्रीमेंट में स्पष्ट उल्लेखित है कि मार्केट कांप्लेक्स बनाने के बाद उसे किराए पर भी दे सकते हैं। जबकि कानूनी जानकारों की मानें तो लीज पर ली गई संपत्ति को किराए पर या बेचने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन सूत्रों की मानें तो बनने के पहले ही मार्केट कांप्लेक्स का प्रत्येक स्टाल 45-45 लाख रुपए में बिक चुका है। बल्कि लेने वाले व्यापारियों में स प्रत्येक से 15 से 20 लाख रुपए अग्रिम जम्मा भी कराए गए।