स्टेट टीबी सेल, असम सरकार और केएचपीटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक मीडिया राउंडटेबल चर्चा, जिसका शीर्षक था ‘ विनिंग द बैटल अगेंस्ट टीबी: व्यवहार परिवर्तन के लिए एक समुदाय-आधारित दृष्टिकोण को अपनाना’, जो गुवाहाटी में आयोजित किया गया था, जिसका ध्यान टीबी के इलाज और देखभाल में आने वाली बाधाओं को दूर करने की जरूरत और आगे के रास्ते के साथ समुदाय आधारित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पे केंद्रित था।
बैठक को डॉ. अविजित बसु, संयुक्त निदेशक सह स्टेट टीबी अफसर, स्वास्थ्य सेवा विभाग, असम सरकार और डॉ. ध्रुबज्योति डेका, रीजनल टेक्निकल लीड, वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने संबोधित किया। उपस्थिति में डॉ. रेहाना बेगम, कार्यक्रम निदेशक, केएचपीटी, प्रसेनजीत दास, स्टेट लीड, ब्रेकिंग द बैरियर, असम, केएचपीटी, डॉ. सुकृति चौहान, एडवोकेसी और प्रोग्राम लीड, केएचपीटी, समुदाय के प्रतिनिधि और मीडिया के सदस्य उपस्थित थे।
केएचपीटी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए काम करता है जो पूरे भारत में सबसे कमजोर और हाशिए के समुदायों को प्रभावित करती हैं। इस साल की शुरुआत में, असम सरकार ने चल रहे नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम (एनटीईपी) के तहत २०१५ में तपेदिक संक्रमण दर को २१७ प्रति लाख से घटाकर २०२५ तक ४४ प्रति लाख करने के सराहनीय लक्ष्य की घोषणा की। इस मुद्दे को बढ़ाने के महत्व और मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को डॉ. सुकृति चौहान, एडवोकेसी और प्रोग्राम लीड, केएचपीटी द्वारा संचालित एक चर्चा ‘व्हाई मीडिया इज ए क्रिटिकल पार्टनर’ में संबोधित किया गया था।