दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किए गए एक प्रोफेसर की रिहाई को लेकर शनिवार को कला महाविद्यालय के पिछवाड़े विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के प्रोफेसर रतन लाल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के अनुसार, प्रोफेसर ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ निर्धारित आंतरिक भाग के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। एक बार उन्हें दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट रूम में पेश किया गया था।
रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म क्षेत्र, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विशेष व्यवसायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और 295ए (जानबूझकर कार्य करना) के तहत गिरफ्तार किया जाता था। उत्तर जिले के साइबर पुलिस स्टेशन का उपयोग करके किसी भी वर्ग की आध्यात्मिक भावनाओं को उसके धर्म का अपमान करने के लिए)
रतन लाल के खिलाफ एक बार सुप्रीम कोर्ट के अटॉर्नी विनीत जिंदल के जरिए दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में लाल पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
वकील ने अपनी शिकायत में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले एक ‘शिवलिंग’ की समस्या जो प्रकृति में बहुत संवेदनशील है और मामला अदालत के समक्ष लंबित है।