दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार सुबह ग़ाजीपुर बॉर्डर पर लगे बैरिकेडिंग को हटाना शुरू कर दिया है. कुछ महीनों पहले दिल्ली पुलिस ने कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए कई स्तरीय बैरिकेडिंग लगाई थी, जिनमें लोहे की कीलें, कंक्रीट आदि से बनी बैरिकेडिंग शामिल थी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस की इस पहल पर तंज़ करते हुए ट्वीट किया है, “अभी तो सिर्फ़ दिखावटी बैरिकेड हटे हैं, जल्द ही तीनों कृषि विरोधी क़ानून भी हटेंगे. अन्नदाता सत्याग्रह ज़िंदाबाद.”
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरकार की तरफ़ से आदेश है, इसलिए बैरिकेडिंग हटाकर रास्ता खोला जा रहा है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बैरिकेडिंग हटाने के फ़ैसले पर कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान अपनी फसल कहीं पर भी बेच सकता है. रास्ते खुलेंगे तो हम भी अपनी फसल बेचने संसद में जाएंगे. पहले हमारे ट्रैक्टर दिल्ली जाएंगे. हमने रास्ते नहीं रोक रखे हैं. हम आगे की योजना बनाकर बताएंगे.” राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है, “देश का अन्नदाता पिछले 11 महीने से लगातार सडक़ों पर बैठकर अपने हक़ को मांग रहा है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार हठधर्मिता अपनाते हुए तानाशाही कर रही है और देश के अन्नदाताओं पर जुल्म पर जुल्म कर रही है. ग़रीबों की रोटी पर भी पूंजीपतियों का कब्ज़ा हो गया है.” शुक्रवार सुबह पुलिस अधिकारियों की देखरेख में मज़दूर एनएच9 हाइवे पर इन कीलों को निकालते हए दिखाई दिए.
साल 2020 के नवंबर महीने से भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान इस जगह पर बैठकर धरना दे रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ एकजुट हुए किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चे का हिस्सा है.
बीते 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि विरोध प्रदर्शनों के लिए सड़कों को बंद करके नहीं रखा जा सकता.
एक लंबे समय से सिंघु, टिकरी और ग़ाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जमा होने की वजह से आम लोग इन रास्तों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे.