जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा है। जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। एसडीआरएफ की दो टीमें गुफा में मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से जानकारी ली और राहत कार्य तेज करने को कहा।
एसडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम गांदरबल से प्रतिनियुक्त किया है। अब तक किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है। गुफा में कोई तीर्थयात्री मौजूद नहीं था। कहा जाता है कि गुफा से कुछ दूरी पर बादल फटा था। हालांकि, घटना में दो खाली टेंट क्षतिग्रस्त हो गए।
अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश और पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के चलते गुंड और कंगन में लोगों को सिंध नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है|
चेतावनी में कहा गया है कि नदी के जलस्तर में अचानक इजाफा हो सकता है और बादल फटने से बहाव बेहद तेज हो सकता है| पवित्र गुफा की ओर जाने वाली पहाड़ी के आधार पर स्थित सुरक्षा बलों के अलावा बेहद कम लोग इस क्षेत्र में काफी कम लोग मौजूद थी| कोविड महामारी के चलते पिछले दो साल से अमरनाथ यात्रा को रद्द करना पड़ा है| उप राज्यपाल ने 21 जून के अपने ट्वीट में लिखा था, ’56 दिन की अमरनाथ यात्रा 28 जून से दो रूट से शुरू होनी थी और रक्षाबंधन के दिन यानी 22 अगस्त को इसका समापन होना था|’ उन्होंने लिखा था- लोगों की जिंदगी बचाना अहम है| इसलिए इस साल जनहित में यात्रा आयोजित करना उचित नहीं होगा.’दरअसल, कोरोना के कारण बड़े धार्मिक आय़ोजनों और भीड़ के जमा होने पर रोक है| इसी को ध्यान में रखते हुए यात्रा को रद्द किया गया था. सामान्य दिनों में हर साल हजारों लोग बाबा बर्फानी (Baba Barfani) के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) जाते हैं|