25
Sep
आज दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है और उनके साथ एक बड़ी बात ये थी कि सरकार किसी की भी हो, वो वही बात करते थे, जो उन्हें सही लगती थी. कभी भी विचारों में फायदे या नुकसान के लिए उन्होने बदलाव नहीं किया. जनता को आत्मनिर्भर रहने के लिए कौन कह सकता है? सोचिए आज कोई विपक्ष का नेता ये बात कहे कि हर बात के लिए सरकार की तरफ मुंह मत ताकिए, बल्कि खुद आत्मनिर्भर बनिए तो सोचिए जनता उसको क्या कहेगी? आज के विपक्ष में आदर्शवादी नेताओं की कमी?वैसे क्या किसी विपक्षी नेता में आज इतनी हिम्मत है…
