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Sep
सुरीले गानों की बात हो तो हमारे दिमाग में सबसे पहले जिस चेहरे की छवि बनती है वो हैं हमारी स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar). इंडियन सिनेमा का आज जो रूप है और यहां की फिल्मों में गानों की जो मुख्य भूमिका है उसमें लता मंगेशकर का जो योगदान है उसे कौन नकार सकता है. इंडियन क्लासिकल हो या कैबरे सॉग या फिर गम में डूबी किसी नायिका का दर्द, सभी कुछ लता दीदी की आवाज में पूरी तरह ढल जाता है. इसलिए अगर आज हम उन्हें सुरों की देवी का साक्षात रूप कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.…
