ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) और मोटरसाइकल तथा स्कूटर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने ‘‘प्रोजेक्ट जीविका’’ के लिये साझेदारी की है। एएसडीसी और हीरो दोनों ‘रोजगार के लिये तैयार’ युवा भारत के दृष्टिकोण को साझा करते हैं। इस गठबंधन के तहत, देश में टू-व्हीलर बाजार के तकनीशियनों को बीएस-6 टेक्नोलॉजी पर प्रशिक्षित किया जाएगा।।
हीरो मोटोकॉर्प ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के प्लेटफॉर्म “हीरो वीकेयर’’ के तहत टीवीईटी (तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण) पारितंत्र के माध्यम से 6000 से अधिक तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया है। यह साझीदार अब तकनीशियनों की आजीविका और अतिरिक्त कौशल के प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि आर्थिक रूप से पिछड़े तकनीशियन ऑटोमोबाइल सर्विस के कार्यक्षेत्र में निशुल्क प्रशिक्षण एवं विकास कार्यक्रमों से सशक्त हों और उनका रोजगार आकांक्षी बने।
हीरो मोटोकॉर्प द्वारा मुहैया कराई गई विषय-वस्तु का उपयोग कर, एएसडीसी पढ़ाई के विभिन्न मॉड्यूल्स और कौशल निर्माण के प्रमाणपत्र प्रदान करेगी। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से एएसडीसी इन तकनीशियनों की शिक्षा के लिये अपनी क्षमता और योग्यताओं को भी बढ़ाएगी, ताकि वे उद्योग के लिये प्रासंगिक बनें।
इस पहल पर अपनी बात रखते हुए, एएसडीसी के प्रेसिडेंट श्री विनोद अग्रवाल ने कहा, “हम “जीविका’’ नामक इस बेहतरीन पहल के लिये हीरो मोटोकॉर्प के साथ साझेदारी करते हुए बहुत खुश हैं। यह साझेदारी बाजार के तकनीशियनों को अच्छी गुणवत्ता का कौशल प्रशिक्षण देने और उन्हें उन नई तकनीकों में निपुण बनाने के लिये है, जिनकी जरूरत उन्हें ग्राहकों को सेवा देते समय होगी। यह प्रोजेक्ट खासतौर से इन तकनीशियनों के जीवन में बदलाव लाने वाला प्रभाव निर्मित करने की क्षमता रखता है। हमें इस पहल के जारी रहने की आशा है, ताकि बाजार के ज्यादा से ज्यादा तकनीशियनों को इसका लाभ मिले।”
इस पहल के बारे में हीरो मोटोकॉर्प के कॉर्पोरेट संचार एवं कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) प्रमुख श्री भारतेन्दु काबी ने कहा, “समाज की बेहतरी के लिये अपनी अटल प्रतिबद्धता के अनुसार, हीरो मोटोकॉर्प का लक्ष्य देश के टू-व्हीलर तकनीशियनों को सबसे नई बीएस-6 टेक्नोलॉजी का अतिरिक्त कौशल देना है। एएसडीसी के साथ साझेदारी में प्रोजेक्ट जीविका से यह तकनीशियन नई टेक्नोलॉजी के लिये जरूरी कुशलताएं विकसित कर सकेंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे, और इस तरह वे अपने लिए एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करने के लिये सशक्त होंगे।” एएसडीसी और हीरो मोटोकॉर्प, दोनों ही ऑटोमोटिव उद्योग में कुशल कर्मियों की आपूर्ति का अभाव दूर करने पर केन्द्रित होंगे और देशभर में श्रमशक्ति की आवश्यकताएं पूरी करने में सहायता करेंगे। यह प्रोग्राम सारे रोडसाइड तकनीशियनों को भविष्यवादी वाहनों पर संबद्ध कौशल विकसित करने और आत्मनिर्भर बनने में भी समर्थ करेगा, जिससे यह तकनीशियन एक उज्जवल भविष्य के लिये सशक्त होंगे और ‘स्किल इंडिया’ का बड़ा सपना साकार होगा।
एएसडीसी के विषय में:
एएसडीसी भारत की पहली सेक्टर स्किल काउंसिल है, जिसका प्रोत्साहन ऑटोमोबाइल उद्योग भारत सरकार के भारी उद्योग विभाग, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम), ऑटोमोटिव कम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (एसीएमए) और फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स असोसिएशन (एफएडीए) के माध्यम से करता है। एएसडीसी ऑटोमोबाइल उद्योग की निरंतर वृद्धि और प्रतिस्पर्द्धिता बढ़ाने के लिये कुशल कर्मियों की उपलब्धता में भारत को आत्म-संतुष्ट बनाने का विचार रखती है। एएसडीसी के पास 240 से ज्यादा प्रशिक्षण भागीदार, 800 प्रमाणित निर्धारक, 295 उद्योग विशेषज्ञों के साथ 4 विशेषज्ञ समूह और 2000 से अधिक प्रशिक्षण केन्द्र हैं।