आर्यन ख़ान चार हफ़्ते बाद जेल से आए बाहर

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अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान लगभग एक महीने बाद आज मुंबई की आर्थर रोड जेल से रिहा हो गए हैं. उन्हें एक क्रूज़ शिप पार्टी से ड्रग मामले में गिरफ़्तार किया गया था. जेल के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था और सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. आर्यन ख़ान को जेल से निकलते ही तुरंत गाड़ी में बैठाया गया और वो रवाना हो गए. गुरुवार को 23 साल के आर्यन ख़ान को बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन दिनों तक चली सुनवाई के बाद ड्रग मामले ज़मानत दे दी थी लेकिन एक रात और उन्हें जेल में गुज़ारनी पड़ी थी. ज़मानत से जुड़े दस्तावेज़ समय पर नहीं मिल पाने के कारण ऐसा हुआ. जेल प्रशासन को शनिवार सुबह 5:30 बजे ये दस्तावेज दिए गए, जिसके बाद आर्यन ख़ान की रिहाई हुई है

आर्यन ख़ान के लिए कोर्ट में दलील मोदी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे मुकुल रोहतगी ने दी थी. अभिनेत्री जूही चावला ने एक लाख रुपए के बेल बॉन्ड पर हस्ताक्षर किया था. जूही चालवा शाहरुख़ की शुरुआती फ़िल्मों की सह-कलाकार रही हैं और वो शाहरुख ख़ान के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का सह-स्वामित्व भी रखती हैं.

जूही चावला ने कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा था, “मैं बहुत ख़ुश हूँ कि ये सब ख़त्म हुआ और आर्यन जल्द ही घर आ जाएगा. ये सभी के लिए बहुत राहत की बात है.”

आर्यन ख़ान को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने दो अक्टूबर को एक क्रूज़ शिप पार्टी से गिरफ़्तार किया था. इस मामले में 20 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं और आर्यन ख़ान अभियुक्त नंबर एक हैं.

एनसीबी को आर्यन ख़ान के पास से ड्रग नहीं मिला था लेकिन कोर्ट में दावा किया है कि उनके वॉट्सऐप चैट से पता चलता है कि वो अवैध ड्रग तस्करी में शामिल थे.

ड्रग मामले में आर्यन ख़ान के साथ गिरफ़्तार किए गए अरबाज़ मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमीचा को भी ज़मानत मिल गई है.

इससे पहले भी दो बार आर्यन ख़ान की ज़मानत की कोशिश की गई थी लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली थी.

20 अक्टूबर को मुंबई की एक विशेष अदालत ने आर्यन ख़ान और दो अन्य अभियुक्तों को ज़मानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया.

ज़मानत की याचिका को ठुकराते हुए अदालत ने यह तो माना कि आर्यन ख़ान के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुए लेकिन साथ ही कहा कि चूँकि ख़ान को इस बात कि जानकारी थी कि उनके दोस्त अरबाज़ मर्चेंट के पास प्रतिबंधित पदार्थ थे और चूंकि वो दोनों साथ थे इसलिए इसे ‘कॉन्शियस पज़ेशन’ (अपनी जानकारी में ड्रग्स रखना) माना जाएगा.

इस बार भी एनसीबी ने आर्यन ख़ान और सह-अभियुक्तों की जमानत का विरोध किया था लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी.