ग्यारह राज्यों में किए गए सीरो सर्वे (ICMR Serosurvey) में पाया गया है कि दो-तिहाई आबादी में कोरोना वायरस एंटीबॉडी विकसित हुई है। यह निष्कर्ष भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा 14 जून से छह जुलाई के बीच किए एक सीरो सर्वे से निकाला है।
आईसीएमआर के अनुसार मध्य प्रदेश 79 प्रतिशत ‘सीरोप्रीवैलेंस’ के साथ सूची में सबसे ऊपर माना गया है। वहीं केरल 44.4 प्रतिशत के साथ सबसे नीचे है। वहीं असम में ‘सीरोप्रीवैलेंस’ 50.3 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 58 प्रतिशत है। भारत के 70 जिलों में आईसीएमआर के राष्ट्रीय सीरो सर्वे के चौथे दौर के निष्कर्षों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को साझा किया।
सीरो सर्वे में सबसे निचले पायदान पर केरल है, क्या इसका मतलब यह है कि राज्य हर्ड इम्युनिटी हासिल करने में सबसे पीछे है. हां, क्योंकि राज्य में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति भी यही बता रही है. देश भर में बुधवार को सामने आए नए मामलों में केरल की हिस्सेदारी 50 फीसदी है. संक्रमण के इतने केस आने का मतलब है कि काफी लोगों में एंटीबॉडी विकसित नहीं हो पाई है.
केरल के कोविड एक्सपर्ट कमिटी के सदस्य डॉ अनीश ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि आनुपातिक रूप से देखें तो राज्य में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को केरल को और अधिक वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए क्योंकि राज्य हर्ड इम्युनिटी हासिल करने में राष्ट्रीय औसत से पीछे है|
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में सर्वे के नतीजों को लेकर कहा था कि एक तिहाई आबादी में यह एंटीबॉडी नहीं है, जिसका मतलब है कि करीब 40 करोड़ लोगों को अब भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है| सरकार के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल किए गए स्वास्थ्य कर्मियों में 85 फीसदी में एंटीबॉडी पाई गई| इस सर्वे में 28,975 आम आदमी और 7,252 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया गया था|
सीरो सर्वे से यह पता चलता है कि कोरोना वायरस के खिलाफ कितने लोगों में एंटीबॉडी बन चुकी है| यह या तो वैक्सीनेशन से हो सकता है या किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने के बाद डेवलेप होता है| एंटीबॉडी संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. एंटीबॉडी प्रोटीन होते हैं, जो शरीर में संक्रमण होने या वैक्सीन लगने के तुरंत बाद इम्यून सिस्टम के द्वारा बनाया जाता है| जब कोई व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित होता है, उसका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पैदा करता है|