इसराइली तकनीक पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी के मामले में मोदी सरकार पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
इस तकनीक के ज़रिए देश के भीतर कई हस्तियों के मोबाइल फ़ोन की टैपिंग की बात की जा रही है. इनमें प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता राहुल गाँधी से लेकर बड़े पत्रकारों और जजों तक के भी नाम बताए जा रहे हैं.
हालांकि मोदी सरकार इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर रही है. गुरुवार को बीजेपी नेता और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि पेगासस स्पाइवेयर की कहानी मनगढ़ंत है.
मीनाक्षी लेखी ने इसे मनगढ़ंत साबित करने के लिए मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी का भी हवाला दिया.
इसराइली तकनीक पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी के मामले में मोदी सरकार पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
इस तकनीक के ज़रिए देश के भीतर कई हस्तियों के मोबाइल फ़ोन की टैपिंग की बात की जा रही है. इनमें प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता राहुल गाँधी से लेकर बड़े पत्रकारों और जजों तक के भी नाम बताए जा रहे हैं.
हालांकि मोदी सरकार इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर रही है. गुरुवार को बीजेपी नेता और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि पेगासस स्पाइवेयर की कहानी मनगढ़ंत है.
मीनाक्षी लेखी ने इसे मनगढ़ंत साबित करने के लिए मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी का भी हवाला दिया. बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए वह दावा किया, जिसका खंडन पहले ही एमनेस्टी इंटरनेशनल की ओर से किया जा चुका था.
3 facts nullify the Pegasus story:
— BJP (@BJP4India) July 22, 2021
👉 The story is based on a list on numbers available in any directory. It's a home location register.
👉 Amnesty International has denied.
👉 NSO group says, claims uncorroborated and do not tally with their customer base.
– Smt. @M_Lekhi pic.twitter.com/HhtS5c4LrG