पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में पक्षकार बनाए गए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक का हलफनामा आखिरकार कोर्ट में जमा हुआ है। बुधवार को न्यायालय में हलफनामा को स्वीकार करने के साथ ही दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इधर सीबीआई ने जवाबी हलफनामा के लिए हाईकोर्ट से समय मांगा है जिसके बाद उन्हें 10 दिनों का वक्त दिया गया है। मुख्य कार्यकारी न्यायधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता में गठित पांच जजों की पीठ में मामले की सुनवाई हो रही है। बुधवार को कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री और कानून मंत्री को जुर्माना भरना होगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को न्यायालय में जुर्माना जमा कराने का आदेश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने नारद मामले में सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े चार नेताओं को गिरफ्तार किया था जिसके बाद मुख्यमंत्री सीबीआई दफ्तर में जाकर बैठ गई थीं। बाहर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और सीबीआई दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ की कोशिश की थी। उधर न्यायालय में पेशी से पहले कानून मंत्री पहुंच गए थे जिसकी वजह से अधिकारियों पर काफी दबाव बन गया था। इसी वजह से सीबीआई ने मामले को दूसरे राज्य में शिफ्ट करने की अर्जी लगाई थी।