इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बादाम खाकर बनाएं अपनी सेहत!

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योग व्यायाम का एक प्राचीन रूप है, जिसकी शुरूआत भारत में हुई थी। यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के तालमेल का प्रतीक है। रोजाना योग का अभ्यास करने के साथ संतुलित आहार लेना संपूर्ण सेहत और तंदुरुस्ती को सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है। ज्यादा जागरूक और सचेत जीवन जीने को लेकर जागरूकता फैलाने के लिये हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। जैसे-जैसे यह दिन करीब आ रहा है, आइए एक नजर डालते हैं कि कैसे फिट रहने के लिये योग का अभ्यास करना और इसे सबसे जरूरी तत्वों- सेहतमंद और पोषण से भरपूर भोजन से पूरा करना सबसे अच्छा तरीका है।

अपने भोजन में एक मुट्ठी बादाम शामिल कर लेना सबसे पहला अच्छा कदम हो सकता है, क्योंकि यह स्नैक का एक पौष्टिक विकल्प है। इसे रोजाना खाने से दिल की सेहत, डायबिटीज और वजन का प्रबंधन, सेहतमंद त्वचा बनाए रखने जैसे कई सारे फायदे मिल सकते हैं। बादाम में मौजूद पोषक तत्वों में शामिल हैं, जिंक, आयरन और विटामिन ई, जोकि इम्‍यून सिस्टम को भी सपोर्ट करने में मदद करता है।

सेहतमंद जीवनशैली अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए, बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री सोहा अली खान कहती हैं, “योग की ताकत पर मेरा दृढ़ विश्वास है और मैं नियमित रूप से इसका अभ्यास करती हूं। स्वस्थ रहने के लिये सेहतमंद खाने के महत्व को भी समझती हूं। इसलिये, संतुलित और पौष्टिक भोजन करना मेरे और मेरे परिवार के लिये सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है। इसके अलावा, मैं इस बात का भी ध्यान रखती हूं कि हम जितना हो सके जंक फूड से बचें और अनहेल्दी स्नैक्स की जगह मुट्ठी भर बादाम जैसे हेल्दी विकल्पों को अपनायें। बादाम एक स्वादिष्ट और पौष्टिक नाश्ता है, क्योंकि ये कॉपर, जिंक, फोलेट, आयरन और विटामिन ई से भरपूर होते हैं, जिन्हें दिन में किसी भी समय खाया जा सकता है।”

सचेत होकर स्नैकिंग करने के साथ योग की दिनचर्या की जरूरत की हिमायत करते हुए, फिटनेस एक्सपर्ट और सेलेब्रिटी मास्टर इंस्ट्रक्टर, यास्मिन कराचीवाला ने कहा, ““शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य किसी की संपूर्ण सेहत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और रोजाना योग का अभ्यास करना फायदेमंद साबित हो सकता है। योग तनाव को दूर करने, मानसिक स्वास्थ्य में सहायता करने और शरीर का लचीलापन बेहतर बनाने के लिये जाना जाता है – ये सभी इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने के अच्छे कारण हैं। संतुलित भोजन ही करें और हाई फैट और सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिये। एक मुट्ठी बादाम को खाने में एक हेल्दी विकल्प के रूप में शामिल किया जा सकता है। बादाम प्रोटीन का एक बहुत अच्छा स्रोत है। यह पोषक तत्व मांसपेशियों के विकास और रखरखाव में योगदान करने के लिये जाना जाता है, जो वर्कआउट करने से पहले और उसके बाद उनके लिये बहुत ही अच्छा स्नैक बनाता है। इसके अलावा, इसके तृप्त करने वाले गुण खाने के बीच में लगने वाली भूख को शांत रखने में मदद करता है। इससे वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।”

रितिका समद्दर, रीजनल हेड- डाइटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर, दिल्ली का कहना है, “योग, शारीरिक सेहत और तनाव को दूर करने के लिये एक्सरसाइज का एक बेहतरीन रूप है। यह टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों की दिनचर्या में भी एक बेहतरीन संकलन हो सकता है, क्योंकि यह ग्लाइसेमिक नियंत्रण प्राप्त करने में मदद कर सकता है और जटिलताओं के जोखिम [1] को कम कर सकता है। लेकिन इसका बेहतर असर होने की संभावना है, अगर इसे पौष्टिक आहार की दिनचर्या के साथ किया जाए। आहार में ताजे फल, हरी सब्जियां और बादाम जैसे नट्स को अवश्य शामिल करना चाहिये। रिसर्च से पता चलता है कि बादाम, प्रोटीन का एक स्रोत है और डाइटरी फाइबर में उच्च होता है। यह युवा वयस्कों में स्वस्थ ब्लड शुगर के स्तर [2] को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। बादाम खाने से टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड ग्लूकोज नियंत्रण में सुधार होता है और यह कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ के ब्लड ग्लूकोज के प्रभाव को कम करने में भी मददगार हैं, जोकि फास्टिंग इंसुलिन के स्तर [3] [4] को प्रभावित करते हैं।

शीला कृष्णास्वामी, न्यूट्रिशन एंड वेलनेस कंसल्टेंट का कहना है, “कार्डियोवैस्कुलर रोगों से पीड़ित लोगों के लिये योग के साथ सेहतमंद खाना फायदेमंद हो सकता है। योग, रक्त संचार और प्रवाह को बेहतर बनानकर दिल को स्वस्थ रखता है। इसके साथ ही योग की दिनचर्या के साथ रोजाना बादाम खाना जरूरी है, क्योंकि भारतीय आबादी पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बादाम दिल के रोगों के खतरों [5] [6]को सही रखने में मददगार हो सकते हैं। यूके में हुए हालिया अध्ययन के अनुसार, जिन प्रतिभागियों ने आम स्नैक्स की जगह बादाम खाया, उनके हार्ट रेट वेरिएबिलिटी (एचआरवी) में सुधार देखा गया। यह मानसिक तनाव की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप होता है। दिल, पर्यावरण और मानसिक चुनौतियों से कितनी अच्छी तरह तालमेल।