तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान से कई वीडियो सामने आ रहे हैं| एक वीडियो काबुल एयरपोर्ट का सामने आए है, जिसमें अमेरिकी सेना के एक विमान से कम से कम तीन लोग गिरते हुए दिख रही है| वीडियो में देखा जा सकता है, विमान आसमान में उड़ रहा है और तीन लोग एक-एक करके जमीन पर आ गिरे| विमान ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी, तभी कुछ लोग उसे विंग से लटक गए थे, जिनमें से विमान के ऊंचाई पर जाने पर तीन लोग नीचे गिर गए|
टि्वटर पर वीडियो शेयर करते हुए TOLO News के तारिक मजीदी ने लिखा है, ‘तीन काबुल निवासी जो एक अमेरिकी विमान के टायर या पंख के बगल में छिपकर देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे| ये लोग विमान के ऊंचाई पर जाने पर जमीन पर आ गिरे| स्थानीय लोगों की छत पर गिरने के बाद उनकी मौत हो गई|’
अफगानिस्तान में तालिबान ने देश में शांति का नया युग लाने का वादा किया है, लेकिन अफगाान इससे आश्वस्त नहीं है और उनके दिलों में तालिबान का पुराना बर्बर शासन लौटने का भय है। जिन लोगों को तालिबान का शासन याद है और जो लोग तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में रह चुके हैं वे तालिबान के भय से वाकिफ हैं। जिन इलाकों में तालिबान ने हाल में कब्जा किया है वहां सरकारी कार्यालय, दुकानें, स्कूल आदि अब भी बंद हैं और नागरिक छिपे हुए हैं या फिर राजधानी काबुल जा रहे हैं।
देश में तालिबान के कट्टर शरिया शासन लौटने की आहटें सुनाई देने लगी हैं, जिसके तले देश की जनता ने 1996 से 2001 का वक्त बिताया था। 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से तालिबान शासन को समाप्त किया। बहुत से लोगों को भय है कि तालिबान शासन आने के बाद महिलाओं और जातीय अल्पसंख्यकों की आजादी समाप्त हो जाएगी और पत्रकारों तथा गैर सरकारी संगठनों के काम करने पर पाबंदियां लग जाएंगी।
हेरात में एक स्थानीय एनजीओ में काम करने वाली 25 वर्षीय युवती ने बताया कि लड़ाई के चलते वह हफ्तों से घर से बाहर नहीं निकली है। उसने कहा कि बहुत कम महिलाएं सड़कों पर दिखाई देंगी यहां तक कि महिला चिकित्सक भी घरों में हैं और जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, ऐसे ही रहने वाला है। उसने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर फोन पर कहा,‘‘ मैं तालिबान लड़ाकों का सामना नहीं कर सकती। उनके लिए मेरे मन में अच्छे भाव नहीं है। कोई भी महिलाओं और लड़कियों के बारे में तालिबान के विचार को नहीं बदल सकता। वे अब भी चाहते हैं कि महिलाएं घरों पर रहें।’’
तालिबान ने लोगों को आश्वासन दिया है कि सरकार और सुरक्षा बलों के लिए काम करने वालों पर प्रतिशोधात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी और जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा की जाएगी। वे देश के नागरिकों से देश नहीं छोड़ने की भी अपील कर रहे हैं, लेकिन तालिबान की हालिया कार्रवाई कुछ और ही तस्वीर पेश करती है। अर्ध सरकारी ‘अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट ह्यूमन राइट्स कमीशन’ के अनुसार पिछले माह गाजी प्रांत के मलिस्तान जिले पर कब्जे के बाद तालिबानी लड़कों ने घर-घर जा कर उन लोगों की तलाश की जिन्होंने सरकार के लिए काम किया था और इसके बाद कम से कम 27 लोगों की हत्या कर दी। अन्य स्थानों से भी कमोबेश इसी प्रकार की खबरें मिल रही हैं।