करीब पांच दशक से हरिपुर ब्लॉक के केंदुआ इलाके में एक मुस्लिम महिला शेफाली बेवा काली पूजा का आयोजन कर रही हैं। वर्तमान में लोगों के बीच शेफाली काली भक्त के नाम से परिचित हैं। उनकी उम्र 70 वर्ष है, इसलिए गांव के लोग उन्हें काली पूजा के आयोजन में सहयोग करते हैं। लोगों का कहना है कि उनके इस कार्य से साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए हुआ है। हर साल शेफाली की काली पूजा को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं।
हरिपुर के केंदुआ गांव के रेल ब्रिज के समीप ही है साल धूमधाम से शेफाली काली पूजा का आयोजन करतीं हैं। लोगों ने बताया कि 40 साल पहले शेफाली ने बिना किसी के सहयोग से काली पूजा का आयोजन करना शुरू किया था। उनके दो बेटे हैं। वे दैनिक मजदूरी करते हैं। शेफाली के पति की काफी दिन पहले ही मौत हो चुकी है। लेकिन गांव के लोग काली पूजा के समय उन्हें विभिन्न तरीके से सहयोग करते हैं। इससे उन्हें काली पूजा के आयोजन में परेशानी नहीं होती है।
मुस्लिम महिला शेफाली ने बताया कि 40 साल पहले उन्होंने काली पूजा शुरू किया था। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे उन्हें सब कुछ सीख लिया है।अब गांव के लोगों की मदद से काली पूजा के लिए बेदी तैयार हो गई है। इस उम्र में भी वह गांव वालों की मदद से काली पूजा का आयोजन कर रही हैं। हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन काली पूजा का आयोजन होता है। अब सभी धर्मों के लोग इससे जुड़ गये हैं।