1983 विश्व कप विजेता यशपाल शर्मा का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। यशपाल शर्मा ने भारत को 1983 विश्व कप में विजेता बनने में अहम भूमिका निभाई थी। भले ही यशपाल शर्मा का इंटरनेशनल करियर केवल 7 साल की रहा लेकिन अपने छोटे से करियर में भी काफी कुछ हासिल किया था। उनके करियर का सबसे स्वर्णिम पल 1983 विश्व कप ही रहा था। भले ही कपिल देव, मदन लाल जैसे सितारों के परफॉर्मेंस के दम पर भारत की टीम विश्व कप जीतने में सफल रही थी लेकिन अहम मैचों में यशपाल शर्मा ने अपने परफॉर्मेंस से भारतीय टीम को विश्व कप जीतने का सपना दिखाया था।
इसके बाद यशपाल शर्मा ने 1983 विश्व कप के एक और अहम मैच में महत्वपूर्ण पारी खेली। यह मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था । ऑस्ट्रेलिया की टीम भी काफी मजबूत थी और विश्व कप जीतने की प्रबल दावेदार मानी गई थी। हालांकि टूर्नमामेंट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने 2 मैच खेले थे, पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 162 रन से रौंद दिया था। अब टूर्नामेंट के दूसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर भारत के सामने थी। चेम्सफोर्ड में ऑस्ट्रेलिया के सामने भारत ने पहले बल्लेबाजी की। यशपाल शर्मा ने 40 गेंद पर 40 रन की पारी खेली, उस जमाने में 100 के स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाना काफी मुश्किल हुआ करता था. लेकिन शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी के दौरान केवल 1 चौके लगाए लेकिन उनके द्वारा विकेटों के बीच लगाई गई दौड़ ने हर किसी को हैरान कर दिया। यह मैच भारत 118 रन से जीतने में सफल रहा था। रोजर बिन्नी ने इस मैच में 4 विकेट चटकाए थे।
फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को इंग्लैंड को हराना था. इंग्लैंड की टीम को हराने के बारे में भारतीय टीम ने उस समय सपने में भी नहीं सोचा था. सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी की और 213 रन बनाए. अब भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचने के लिए लक्ष्य हासिल करना था. 50 रन पर भारत के 2 विकेट गिर गिर गए थे. लेकिन इसके बाद एक बार फिर यशपाल शर्मा ने मैच में वो पारी खेली जिसने भारत को विश्व कप के फाइनल में पहुंचा दिया। यशपाल ने 115 गेंद का सामना करते हुए 61 रन की ऐसी अहम पारी खेली जिसने भारतीयों का सपना साकार कर दिया। अपनी पारी में उन्होंने 3 चौके और 2 छक्के लगाए थे। संदीप पाटिल के साथ मिलकर यशपाल ने भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया था. भारत की टीम यह मैच 6 विकेट से जीतने में सफल रही थी. इसके बाद जो हुआ उसने भारतीय क्रिकेट में एक नया इतिहास लिख दिया। भारत पहली बार फाइनल में वेस्टइंडीजको हराकर ।विश्व वजेता बना था.
1983 विश्व कप में यशपाल शर्मा ने 34.28 के औसत से 240 रन बनाए थे और भारत को विश्व विजेता बनाने में अहम योगदान दिया ।ा भारतीय क्रिकेट इतिहास उनके योगदान को कभी नहीं भूल पाएग।