ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिक कौशिक चंद ने कहा कि याचिकाकर्ता को किसी भी जज को बदलने की मांग करने का पूरा अधिकार है. इस पर न्यायिक व्यवस्था के तहत फैसला किया जायेगा. तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम विधानसभा सीट से इस बार चुनाव लड़ा था और वहां भारतीय जनता पार्टी के शुभेंदु अधिकारी ने कड़ी टक्कर में उन्हें 2 हजार से भी कम वोटों के मामूली अंतर से पराजित कर दिया था. ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी पर मतगणना में गड़बड़ी करने के आरोप लगाये हैं.
साथ ही बंगाल की मुख्यमंत्री ने मतगणना के दौरान वहां मौजूद चुनाव आयोग के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाये हैं. ममता बनर्जी ने नंदीग्राम विधानसभा सीट पर फिर से मतगणना कराने की मांग के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है. ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह ही यह याचिका दाखिल की थी. चूंकि ममता बनर्जी उस दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं थीं, इसलिए सुनवाई को 24 जून तक टाल दिया गया था. जस्टिस कौशिक चंद ने कहा था कि यह एक इलेक्शन पिटीशन है. इस तरह की याचिका की सुनवाई के दौरान पिटीशन दायर करने वाले को कोर्ट में मौजूद रहना होता है.
जस्टिस कौशिक चंद ने ममता बनर्जी के वकील से पूछा था कि क्या उनकी मुवक्किल इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होंगी, तो उन्होंने कहा था कि अगली सुनवाई पर वह अदालत में मौजूद रहेंगी. इसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 24 जून मुकर्रर कर दी गयी. गुरुवार को मामले की सुनवाई शुरू होने से पहले बुधवार की रात ममता बनर्जी की ओर से जस्टिस कौशिक चंद की अदालत में एक याचिका दाखिल करके यह मांग की गयी कि उनके मामले की सुनवाई किसी और बेंच में ट्रांसफर कर दिया जाये. अब जस्टिस कौशिक चंद दोनों ही मामलों में आज अपना फैसला सुनायेंगे.