प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची से नाम काटे जाने से ग्रामीणों में रोष, आक्रोशित ग्रामीणों की चेतावनी- घर नहीं तो वोट नहीं

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प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम होने के बावजूद घर नहीं मिला। इस आरोप पर ग्रामीणों ने पंचायत के पति को बुलाकर विरोध जताया। बामनहाट 1 नंबर ग्राम पंचायत के बूथ नंबर 7/130 के धरला पार क्षेत्र के निवासियों ने आवास की मांग को लेकर धरना दिया। ग्रामीणों की शिकायत है कि सर्वे हो चुका है लेकिन उचित प्रापकों को घर नहीं मिल रहा। आक्रोशित ग्रामीणों की स्पष्ट मांग घर नहीं तो वोट नहीं है। स्थानीय निवासी जलीना बेवा ने कहा, “हम जानते हैं कि हमारे गांव में लगभग सभी का नाम आवास योजना सूची में था, अब हम सुनते हैं कि इस क्षेत्र में केवल दो लोगों का नाम है।” अपने टूटे हुए घर का सर्वे करने के बाद भी हमारे पास अब तक कोई घर नहीं है। हमारे बेटे विदेशों में काम करते हैं। हमें अपना घर पहली लिस्ट में चाहिए। वहीं फेलानी बेवा ने साफ तौर पर मांग की कि प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान नहीं दिया तो वोट नहीं दिया जायेगा। साथ ही उस क्षेत्र के निवासी सेराजुल इस्लाम ने शिकायत की कि हमने सुना है कि धरला में 60 आवास योजना घर बन गए हैं, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि केवल दो घर बन रहे हैं. पहली सूची में हमें 60 घर चाहिए।

आज इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर बूथ संख्या 7/130 की तृणमूल पंचायत सदस्य शिवंती बर्मन के पति क्षितिन बर्मन को बुलाकर विरोध जताया। शिवंती बर्मन के पति क्षितिन बर्मन ने कहा कि बूथ संख्या 7/130 पर आवास योजना सूची में 200 नाम हैं।. इसके अलावा धरला पार क्षेत्र में 50 से 55 नाम हैं। इनका सर्वे पूरा हो चुका है। पहले चरण में कुछ घर बने हैं। बाद में सबके घर बनेंगे। कुछ ग़लतफ़हमी के कारण उन्होंने मुझे बुलाया और विरोध किया।