विदेश सचिव श्री हर्षवर्धन श्रृंगला सिक्किम के दो दिवसीय यात्रा पर हैं। श्री श्रृंगला को सिक्किम विश्वविद्यालय द्वारा चौथे ग्लोबल व्याख्यान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। उनके व्याख्यानका विषय ‘विदेश नीति में भारत की पूर्वोत्तर क्षेत्र का पता लगाना
’है। यह आयोजन सिक्किम विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग द्वारा विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।
सिक्किम, चीन, नेपाल और भूटान के साथ सीधी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को साझा करने और बांग्लादेश से नजदीक रणनीतिक सिलीगुड़ी कॉरिडोर की निकटता में स्थित है, जो भारत की एक्ट इस्ट पोलिसी के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बिंदुओं में से एक है। स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर भारत सरकार के जोर ने सिक्किम को एक उच्च विकास प्रक्षेपवक्र में तेजी लाने के लिए अनुकूल स्थिति में रखा है।
श्री श्रृंगला ने विदेश मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में अपने पिछले कार्यकालों के दौरान और फिर थाईलैंड में भारत के राजदूत और बांग्लादेश के उच्चायुक्त के रूप में पड़ोसी देशों और एएसईएएन क्षेत्र के साथ उत्तर पूर्वी राज्यों की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सिक्किम भारत में पहले से ही एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है। राज्य सरकार की नीतिगत पहल ने शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित किया है और इसके परिणामस्वरूप सिक्किम क्षेत्र में एक प्रमुख शिक्षा केंद्र बन गया है। अगस्त २०१९ में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा घोषित दुनिया के पहले १००% जैविक राज्य के रूप में सिक्किम की स्थिति राज्य के बागवानी और औषधीय पौधों के क्षेत्र में नए निवेश और निर्यात के अवसरों को खोलती है। विदेश मंत्रालय इन सभी क्षेत्रों में सिक्किम की राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।
राज्य के अपने यात्रा के दौरान, विदेश सचिव राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद चौरसिया से मुलाकात करेंगे। सिक्किम की उनकी वर्तमान यात्रा, राज्य के नेतृत्व और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विदेश मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों पर चर्चा करते हुए राज्य की आर्थिक प्रगति का गवाह बनने का अवसर प्रदान करेगी।