लक्षद्वीप में पिछले कुछ दिनों से बीफ़ बैन, नए क़ानून, पंचायत चुनाव के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव का विरोध हो रहा है. लेकिन लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल पटेल ने कहा है कि सब कुछ नियमों के मुताबिक़ हो रहा है और विरोध के स्वर केरल से अधिक उठ रहे हैं. उनका कहना है कि लक्षद्वीप में सिर्फ़ वहीं लोग विरोध कर रहे हैं, जिनका कोई निहित स्वार्थ है.
लक्षद्वीप के कावाराती में रहने वाले 47 साल के सैफ़ुद्दीन (बदला हुआ नाम) और उनका 10 लोगों का परिवार मछली पकड़ने का काम करता है. लेकिन पिछले एक हफ़्ते से अधिक समय से उनका काम ठप है.
हाल ही में आए तौक्ते तूफ़ान में उनकी नाव को नुक़सान हुआ, जिसके कारण वो समुद्र में नहीं जा पा रहे. तूफ़ान और मौसम का क़हर इन द्वीपों के लिए कोई नई बात नही है. लोग अक्सर इनसे निपटने के लिए तैयार रहते हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. सैफ़ुद्दीन का कहना है कि उनकी इस हालत के लिए ज़िम्मेदार “सिर्फ़ एक आदमी हैं- प्रफुल पटेल”, जिन्हें पाँच दिसंबर 2020 को लक्षद्वीप का प्रशासक नियुक्त किया गया था. पटेल पर पिछले कुछ दिनों में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं.